- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- गडचिरोली
- /
- ग्रामसभा में शराबबंदी का प्रस्ताव...
सख्ती: ग्रामसभा में शराबबंदी का प्रस्ताव पारित, महिलाओं के निर्णय से शराब विक्रेताओं में मची खलबली
- शराब विक्रेताओं से 20 हजार रुपयों का जुर्माना वसूला
- जुर्माने की राशि पुलिस के हवाले करने का लिया निर्णय
- गांवों में शराबबंदी होने के बावजूद बिक रही शराब
डिजिटल डेस्क, मुलचेरा(गडचिरोली)। तहसील अंतर्गत आने वाले येल्ला गांव में ग्रामसभा आयोजित की गई थी। इस ग्रामसभा में महिला वर्ग बड़ी संख्या में उपस्थित होकर शराबबंदी का प्रस्ताव पारित किया है। साथ ही शराब विक्रेताओं से 20 हजार रुपयों का जुर्माना वसूल कर पुलिस के हवाले करने का निर्णय लिया गया है। महिलाओं के इस निर्णय से क्षेत्र के शराब विक्रेताओं में खलबली मच गई है। येल्ला गांव में शराब बिक्री शुरु होने के कारण गांव में विभिन्न समस्याएं निर्माण हो गई थी। वहीं परिसर के गांवों में शराबबंदी होने के बावजूद भी इस गांव में शुरु शराब बिक्री से वहां के लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। इस गांव के शराब विक्रेताओं के माध्यम से परिसर के गांवों में शराब पहुंचाई जा रही थी।
गांव को शराब मुक्त करने के लिए मुक्तिपथ के मार्गदर्शन में गांव संगठन की महिलाओं ने प्रयास शुरु किया। इसी बीच गांव में आयोजित ग्रामसभा में शराबबंदी के विषय पर चर्चा की गई। इस समय शराबबंदी का प्रस्ताव पारित किया गया। इसमें पहली बार यदि कोई शराब बिक्री करते पाया गया तो, उससे 20 हजार रुपये जुर्माना वसूला जाएगा। वहीं दूसरी बार शराब बिक्री करते हुए पाया गया तो, उसे सीधे पुलिस के हवाले किया जाएगा। वहीं शराब विक्रेताओं को किसी भी तरह के सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं देने का निर्णय लिया गया। सभा में सरपंच दिवाकर उराडे, पुलिस पटेल, शंकर सेडमाके, पानेवार, रांगुबाई आत्राम सहित ग्रामीण उपस्थित थे।
बीज प्रक्रिया के बारे में किसानों काे दी जानकारी : गड़चिरोली. कृषि महाविद्यालय सोनापूर गड़चिरोली के छात्राओं ने ग्रामीण व कृषि जागरूकता कार्यक्रम अंतर्गत तहसील के येवली गांव में किसानों को बीज प्रक्रिया संदर्भ में मार्गदर्शन किया गया। बीजों की उगाई क्षमता बढ़ाने के लिए नमक के पानी का उपयोग किस तरह करें, इस संदर्भ में विद्यार्थियों ने किसानों को मार्गदर्शन किया। धान फसल की उपज क्षमता बढ़ाने के लिए एक लीटर पानी में 30 ग्राम नमक मिलाकर एक किलो बीज डाले, इसके बाद उसे घोलकर स्थर रहने दें। पानी पर तैरने वाले बीजों को निकालकर नष्ट करें। वहीं भीतर जमा बीज निकालकर दूसरे पानी से धो कर छाव में सुखाने के बाद उसका उपयोग करें। जिससे बीज की उगने की क्षमता बढ़ती है।
जमीन व बीज द्वारा फैलने वाली बीमारी को रोका जा सकता है। ऐसी बात छात्रों ने कहीं। यह उपक्रम कृषि महाविद्यालय के सहयोगी अधिष्ठाता डा.एम.एम.राऊत, ग्रामीण कृषि कार्यानुभव अधिकारी डा.डी.नेमाडे, प्रा.डा.शांति पाटिल व डा.प्रवीण महातले के मार्गदर्शन में श्वेता दुग्गा, दुर्गेश्वरी इनवाते, निकिता कापगते आदि विद्यार्थियों ने चलाया।
Created On :   12 July 2024 1:07 PM IST