Gadchiroli News: बेमौसम बारिश के बाद धान की फसल पर हुआ फौजी इल्लियों का प्रकोप

बेमौसम बारिश के बाद धान की फसल पर हुआ फौजी इल्लियों का प्रकोप
  • उत्पादन पर पड़ सकता है असर
  • अन्नदाता फिर संकट में घिरे

Gadchiroli News भीषण गर्मी के बीच गत दिनों हुई बेमौसम बारिश के कारण जिले के अन्नदाता किसान एक बार फिर संकट में आ गये है। रबी सत्र में धान की फसल पर अब फौजी इल्लियों ने हमला बोल दिया है। फौजी इल्लियां धान की तनों को तीव्र गति से चट करने लगे है। फलस्वरूप इस वर्ष धान का उत्पादन कम होने की संभावना व्यक्त की जा रहीं है। उधर इल्लियों के इस प्रकोप को दूर करने के लिए कुछ किसानों ने फसल पर कीटनाशकों का छिडकाव शुरू कर दिया है।

गड़चिरोली जिला धान उत्पादक के रूप में परिचित है। जिले में खरीफ और रबी सत्र के दौरान धान की फसल उगाई जाती है। खरीफ में बारिश तो रबी सत्र के दौरान नदी और ईटियाडोह बांध के पानी के भरोसे यह फसल लगाई जाती है। इस वर्ष ईटियाडोह बांध का पानी जिले की नदियों में छोड़ने के कारण किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हुई। लेकिन इसी दौरान बेमौसम बारिश होने से अब इस फसल पर फौजी इल्लियों का प्रकोप बढ़ने लगा है। वर्तमान में फसल पर धान उगने लगे है।

ऐसी स्थिति में ही फौजी इल्लियों का आक्रमण बढ़ जाने से धान के पौधे जड़ से ही पीले पड़ने लगे है। यह इल्लियां धान की तनों को चट करने में काफी माहिर होती है। जिसके चलते इस वर्ष धान का उत्पादन पर असर होने की बात कहीं जा रहीं है। उधर फसल को बचाने के लिए अब किसान विभिन्न प्रकार के कीटनाशकों का छिडकांव भी करने लगे है।

कई गांवों में गंदगी का आलम खतरे में जनस्वास्थ्य : आरमोरी तहसील के अनेक गांवों में सड़क किनारे कचरे के ढेर दिखाई दे रहे हैं। जिससे अस्वच्छता का आलम दिखाई दे रहा है। विशेषत: अनेक गांवों के मार्गों पर गोबर के खादों के ढेर दिखाई दे रहे हैं। जिससे संबंधित ग्रापं प्रशासन से स्वच्छता अभियान चलाने की मांग तहसील के नागरिकों द्वारा की जा रही है। केंद्र व राज्य सरकार द्वारा विभिन्न योजना व स्पर्धा आयोजित कर गांवों में स्वच्छता रखने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं ग्रामीण भी गांवों में स्वच्छता रखने का प्रयास कर रहे है। ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों के पास पशुधन बड़े पैमाने पर है। किसान जगह नहीं होने के कारण मवेशियों का गोबर व मलमूत्र सड़क किनारे फेंक देते है। गोबर के ढेर के चलते स्वच्छता का प्रश्न निर्माण हो जाता है। जिससे ग्राम पंचायतों को सीमेंट के कचरा कुंडी तैयार कर नागरिकों को अपने घरों का कुड़ा-कचरा इन कचरा कुंडी में डालने संदर्भ में जनजागृति करने की आवश्यकता है। वहीं गांवों में स्वच्छता रखने के लिए स्वच्छता अभियान चलाना जरुरी होने की बात कहीं जा रही है। स्वच्छता के अभाव में ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर परिणाम हो रहा है। परिसर में स्वच्छता नहीं होने से मच्छरों का प्रकोप बढ़ने लगा है। जिससे विभिन्न बीमारीया उत्पन्न हो रही है। इन सभी समस्याओं का हल करने के लिए संबंधित गावों के ग्रामपंचायत को कदम उठाने की जरुरत होने की बात कहीं जा रही है।


Created On :   19 April 2025 4:25 PM IST

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