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रोष: कोनसरी परियोजना के लिए भूमि मांगने आए लोगों को ग्रामीणों ने बाहर का रास्ता दिखाया
- गुलाल फेंककर गांव में नहीं करने दिया प्रवेश
- जमीन देने से स्पष्ट रूप से इनकार किया
- कोनसरी गांव में स्टील परियोजना प्रस्तावित
डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। लायड्स मेटल्स एंड एनर्जी लिमिटेड कंपनी के कोनसरी स्थित प्रस्तावित लोह परियोजना के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अब विवादों में घिरती दिखायी दे रही है। क्षेत्र के दर्जनों गांवों के नागरिकों द्वारा जब अपनी जमीन देने से स्पष्ट रूप से इनकार किया गया तो अब कंपनी की ओर से कुछ लोगों को गांवों में भेजकर गांववासियों को भूमि देने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया जा रहा हैं।
5 मार्च को सोमनपल्ली गांव में इसी तरह कुछ लोग पहुंचकर लोगों को विभिन्न प्रकार के लालच दिखाकर जमीन ऐंठने का प्रयास कर रहे थे। यह देखकर संतप्त लोगों ने भूमि के लिए दबाव डालने वालों पर गुलाल फेंककर उन्हें गांव से बाहर खदेड़ा। इसके साथ ही गांव में इस कार्य को लेकर प्रवेश नहीं करने की चेतावनी दी। जानकारी के अनुसार, लायड्स मेटल्स एन्ड एनर्जी लिमिटेड कंपनी ने कोनसरी गांव में स्टील परियोजना प्रस्तावित की है। इस परियोजना के लिए कंपनी द्वारा की गयी अतिरिक्त 963 हेक्टेयर जमीन की मांग को सरकार ने मंजूरी प्रदान की है।
वर्तमान में इस जमीन के अधिग्रहण के लिए प्रशासन की आेर से कोनसरी क्षेत्र के मुधोली चक 2, जयरामपुर, पारडी (देव), सोमनपल्ली, कोनसरी, मुधोली (तुकूम) आदि ग्राम पंचायत के तहत आने वाले दर्जनों गांवों के नागरिकों को नोटिस भी सौंपे गए है। यह सभी गांव वैनगंगा नदी के तट पर बसे होकर स्थानीय किसान इसी नदी के भरोसे खेती-किसानी कर रहे हंै। अब कंपनी के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होने से किसानों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। जमीन देकर भूमिहिन होने से क्या फायदा? ऐसा सवाल नागरिकों ने उपस्थित किया है। इसके पूर्व भी अधिग्रहण प्रक्रिया के लिए कुछ प्रशासनिक अधिकारियों ने गांवों में प्रवेश किया था।
गांव की महिलाओं व पुरुषों ने संबंधित अधिकारियों को भी गांव से खदेड़ दिया था। इतना ही नहीं जयरामपुर और मुधाली गांव के लोगों ने गांव के मुख्य चौक में ही फलक लगाकर भूमि अधिग्रहण से संबंधित चर्चा के लिए प्रवेश निषेध कर दिया है। इस बीच मंगलवार को कंपनी की ओर से भूमि अधिग्रहण करने के लिए कुछ व्यक्ति पहुंचे। सोमनपल्ली गांव के सरपंच समेत ग्रापं पदाधिकारियों को इसकी सूचना मिलते ही उन्होंने लोगों को ग्रापं कार्यालय के परिसर में बिठाया और नम्रता से भूमि अधिग्रहण नहीं करने की बात स्पष्ट की। इसके बाद लोगों ने लोगों पर गुलाल फेंका और दोबारा किसी भी गांव में भूमि अधिग्रहण के लिए नहीं आने की चेतावनी भी दी। ग्रामीणों के इस रवैये से अब कोनसरी परियोजना की भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया विवादों में दिखायी देने लगी है।
कतई नहीं देंगे अपनी जमीनें लोगों को बहला-फुसलाकर कुछ लोग मंगलवार को गांव पहुंचे थे। इन लोगों को बड़े ही विनम्रता के साथ बिठाया गया और उन्हंे समझाया गया कि, गांव का कोई भी व्यक्ति परियोजना के लिए भूमि देकर भूमिहिन नहीं होना चाहता। हम किसान हैं और हमारी जमीन में ही अनाज उगाते रहेंगे। किसी भी कींमत पर हम अपनी जमीनें नहीं देंगे। नीलकंठ निखाडे, सरपंच सोमनपल्ली
Created On :   6 March 2024 3:22 PM IST