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हरी झंडी: वन कानून में उलझे 6 पुलों के निर्माण कार्य और 33 केवी उपकेंद्र को अंतत: मिली मंजूरी
- जिलास्तरीय वन हक समिति की बैठक में जिलाधिकारी ने दी अनुमति
- नदी व नालों पर पुलों का निर्माणकार्य अधर में पड़ा
- बारिश के दिनों में जिला मुख्यालय से संपर्क कट जाता है
डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। घने जंगलों में बसे गड़चिरोली जिले में सन् 1980 का वन कानून लागू किया गया है। इस कानून के कारण किसी भी प्रकार परियोजना अथवा विकास कार्य पेड़ों को काटकर पूर्ण नहीं किये जा सकते। इसी कारण जिले में प्रमुख 7 सिंचाई परियोजनाओं के साथ अधिकांश नदी व नालों पर पुलों का निर्माणकार्य अधर में पड़ा हुआ है। नदी व नालों में पुल नहीं होने से हर वर्ष बारिश के दिनों में स्थानीय लोगों का जिला मुख्यालय से संपर्क कटा रहता है। इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए जिलाधिकारी (प्रभारी) विजय भाकरे ने शुक्रवार को संपन्न जिलास्तरीय वन हक समिति की बैठक में वन कानून की अटकलों में फंसे जिले के 6 पुल के निर्माणकार्य को मंजूरी प्रदान की है। साथ ही अहेरी तहसील के पेरमिली गांव में 33 के. वी. बिजली उपकेंद्र के निर्माण को भी अनुमति प्रदान की गयी है।
जिलाधिकारी भाकरे के इस फैसले से अब आने वाले दिनों में संबंधित गांवों के लोगों को सुविधा उपलब्ध होगी। शुक्रवार को जिलाधिकारी कार्यालय में संपन्न बैठक में जिलाधिकारी (प्रभारी) भाकरे के साथ देसाईगंज वनविभाग के उपवनसंरक्षक धर्मवीर सालविट्ठल, सिरोंचा की उपवनसंरक्षक पूनम पाटे समेत वनविभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
मंजूरी प्राप्त पुलों में दुब्बागुड़ा-दामरंचा सड़क पर स्थित बांड़िया नदी पर एक पुल का निर्माणकार्य प्रस्तावित किया गया है। वहीं भाड़भिड़ी-घोट-रेगड़ी-कसनसुर-गट्टा-कोठी-आरेवाड़ा-भामरागढ़ से राज्यसीमा की सड़क पर 5 छोटे पुल के निर्माणकार्य को भी मंजूरी प्रदान की गयी है। बैठक के दौरान 6 नये और अपीलीय 1 ऐसे कुल 7 वनहक के मामलों को भी मंजूरी प्रदान की गयी। जबकि 2 नये और 7 अपीलीय ऐसे 9 मामलों की जांच करने के आदेश निर्गमित किये गये। इसके अलावा 46 वनहक धारक किसानों के सुधारित वनहक पट्टे तैयार करने के कार्य को भी मान्यता प्रदान की गयी।
Created On :   15 Jun 2024 4:11 PM IST