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शिक्षा का सम्मान: नक्सलगढ़ में शिक्षा की अलख जगाने वाले मांतय्या बेडके को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने किया पुरस्कृत
- राज्य से केवल 2 ही शिक्षकों का चयन
- शिक्षा के जुनून के आगे हारी गरीबी
डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। गांव में पहुंचने के लिए सड़क का अभाव, नन्हें बच्चों में शिक्षा के प्रति अरुचि और नक्सलियों की दहशत के बीच एटापल्ली तहसील के जिजावंडी गांव की जिला परिषद शाला के माध्यम से शिक्षा की अलख जगाने वाले प्राथमिक शिक्षक मांतय्या बेडके को शिक्षक दिवस के मौके पर गुरुवार 5 सितंबर को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया है। देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के हाथों उनका यह सम्मान किया गया। इस वर्ष राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए प्रदेश के केवल 2 ही शिक्षकों का चयन किया गया था जिसमें गड़चिरोली जिले के शिक्षक बेडके शामिल हैं।
गड़चिरोली जिला मुख्यालय से लगभग 300 किमी दूर सिरोंचा तहसील के पातागुड़म गांव में शिक्षक मांतय्या का जन्म हुआ। घर की माली हालत काफी कमजोर होने के बाद भी उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त की। वर्ष 2010 में एटापल्ली तहसील के जिजावंडी गांव की जिला परिषद शाला में उनकी बतौर शिक्षक के रूप में नियुक्ति हुई। इस गांव में पहुंचने के लिए पक्की सड़क का निर्माण अब तक नहीं किया गया है। शाला में भी किसी तरह की बुनियादी सुविधाएं नहीं थी। इतना ही नहीं गांव के बच्चों में शिक्षा के प्रति कोई रुचि नहीं थी।
ऐसी स्थिति के बाद यह परिसर पूरी तरह नक्सल प्रभावित होने के कारण ग्रामीण हर समय नक्सलियों की दहशत में जीवनयापन करने मजबूर थे। इस तरह की स्थिति में शिक्षक मांतय्या बेडके ने गांव के बच्चों में शिक्षा की रुचि निर्माण की। अपने वेतन से ही स्कूल को चेहरा बदला। गांव में इंटरनेट सुविधा नहीं होने के कारण उन्होंने अपनी जेब से करीब 20 हजार रुपए खर्च कर नेटवर्क के लिए एक पेड़ पर डिवाइस लगाया। इस डिवाइस से 100 मीटर के दायरे तक लोगों को मोबाइल कवरेज के साथ इंटरनेट की सुविधा प्राप्त होने लगी। इसी इंटरनेट की मदद से उन्होंने स्कूल के विद्यार्थियों को नीत-नई शिक्षा प्रणाली और आधूनिक शिक्षा से अवगत कराया। आदिवासी बहुल और नक्सलग्रस्त जिजावंडी गांव में इस तरह का कार्य करने के कारण ही उनका इस वर्ष राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए चयन किया गया। गुरुवार को शिक्षक दिवस के अवसर पर नई दिल्ली के समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के हाथों उन्हें राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
Created On :   6 Sept 2024 6:48 PM IST