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आफत: महंगाई ने खेती को और भी बना दिया महंगा, जुताई के लिए अतिरिक्त पैसे देने की नौबत
- गर्मी बढ़ते ही किसान कृषि कार्य में जुटे
- डीजल की कीमत बढ़ने से बढ़ा ट्रैक्टर का खर्च
- किसान कर रहे सरकार से मदद की मांग
डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। गर्मी बढ़ते ही किसान कृषि कार्य में जुट गए हैं। बढ़ती महंगाई के कारण किसानों को खेत की जुताई के लिए अतिरिक्त पैसे देने की नौबत आ गई है। किसानों के निराश होने की तस्वीर इस समय जिले में देखने को मिल रही है। इस बढ़ती महंगाई का क्या करें? ऐसा सवाल किसानों के सामने खड़ा हो गया है। एक तरफ कहा जाता है कि, किसान तरक्की कर रहे हैं। इसलिए आमताौर पर कोई भी बैलों की जोड़ी से खेत नहीं जोतता है। उनमें से एक छोटी जोत का किसान एक जोड़ी बैलों का पालन-पोषण नहीं कर सकता। इसलिए ट्रैक्टर से खेत जोतना पड़ता है। यदि नकदी है, तो ट्रैक्टर मालिक को एक एकड़ जुताई के लिए 1,600 रुपए और उधार के लिए 1,800 रुपए देने होंगे। कहा जा रहा है कि, डीजल की कीमत आसमान छूने से ट्रैक्टर मालिक के पास भी कुछ नहीं बच रहा है। लेकिन चूंकि किसानों को एक एकड़ की जुताई के लिए यह रकम अधिक लगती है। इसलिए किसानों की वित्तीय स्थिति विकट है। इस वर्ष फसल के उत्पादन में भारी गिरावट के कारण वर्तमान में कृषि पर खर्च करने के लिए नकदी के रूप में कुछ भी नहीं बचा है। सरकार की ओर से पर्याप्त मदद नहीं मिली।
किसानों की आर्थिक स्थिति काफी नाजुक : कई किसानों को अब तक सूखे की राशि नहीं मिली है। इसके चलते किसानों की आर्थिक स्थिति काफी नाजूक हो गई है। पिछले वर्षों का फसली ऋण बकाया होने के कारण इस वर्ष बैंक दरवाजे पर भी खड़ा नहीं करेगी। ऐसे में किसान असमंजस में है कि, वे खेती के खर्च के साथ-साथ घर के खर्च के लिए पैसे कहां से लाएगा।
कृषि विभाग अलर्ट : राज्य सरकार ने कार्रवाई के निर्देश जारी किए हंै कि, किसानों को खरीफ सीजन के दौरान खाद और बीज उपलब्ध कराने में धोखाधड़ी न हो। रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों, बीज में धोखाधड़ी करने पर विक्रेताओं के खिलाफ अपराधिक मामला और तीन साल तक की कैद हो सकती है। इसके लिए तहसील स्तर पर उड़न दस्ते की टीमे नियुक्त की जाएगी और निगरानी रखी जाएगी। जिला स्तरीय टीम का नेतृत्व कृषि विकास अधिकारी करेंगे तथा इस टीम में अभियान अधिकारी, जिला गुणवत्ता नियंत्रण अधिकारी, वजन माप अधिकारी शामिल होंगे। ये टीमें उर्वरक विक्रेताओं पर नजर रखेंगी और गड़बड़ी पाए जाने पर कार्रवाई करेंगी। खरीफ सीजन में फर्जी बीज व खाद बेचे जाने पर कार्रवाई की जाएगी। फर्जी बीज, उर्वरक बेचते पाए जाने पर विक्रेताओं के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई करते हुए लाइसेंस भी निलंबित किया जा सकता है। जिले की बारह तहसीलों में से प्रत्येक में एक उड़न दस्ते की टीम नियुक्त की जाएगी। तहसील स्तर पर शिकायत निवारण कक्ष स्थापित किया जाएगा।
Created On :   26 April 2024 4:45 PM IST