अतिवृष्टि से गड़चिरोली जिले में 1613.16 हेक्टेयर क्षेत्र की धान की फसलें तबाह

अतिवृष्टि से गड़चिरोली जिले में 1613.16 हेक्टेयर क्षेत्र की धान की फसलें तबाह
  • प्रशासन ने 94.61 प्रतिशत क्षेत्र का किया पंचनामा
  • किसानों को वित्तीय मदद का इंतजार

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। जंगल व्याप्त गड़चिरोली जिले में इस वर्ष खरीफ सत्र के दौरान निरंतर हुई अतिवृष्टि के कारण धान उत्पादक किसानों को एक बार फिर नुकसान उठाना पड़ा है। जिला प्रशासन द्वारा किये गये सर्वे के मुताबिक जिले में 1 हजार 613.16 हेक्टेयर क्षेत्र की धान फसल तबाह हुई है। जिसमें जिले के 250 गांवों के 2 हजार 881 किसानों को नुकसान पहुंचा है। प्रशासन द्वारा अब तक 1 हजार 526.27 हेक्टेयर क्षेत्र का पंचनामा पूर्ण किया गया है, जो 94.61 प्रतिशत होकर नुकसानग्रस्त किसान अब वित्तीय मदद के इंतजार में दिखायी दे रहे है। बता दें कि, समूचे विदर्भ में गड़चिरोली की पहचान धान उत्पादक जिले के रूप में है। जिले में किसी तरह की सिंचाई सुविधा उपलब्ध नहीं होने से हर वर्ष स्थानीय किसान बारिश पर निर्भर रहकर अपने खेतों में फसल उगाते हैं। इस वर्ष अच्छी बारिश के भरोसे किसानों ने जुलाई के शुरुआती दिनों में बुआई का कार्य पूर्ण किया। जिसके बाद किसानों को रोपाई के लिए पर्याप्त बारिश का इंतजार करना है। जिस समय धान के पाैधे रोपाई के लिए तैयार हुए, ठीक उसी दौरान जिले में मूसलाधार बारिश का दौर शुरू हुआ।

करीब 10 से 12 दिनों तक लगातार हुई अतिवृष्टि से किसानों के खेत पूरी तरह तालाब में तब्दील हो गये। रोपाई के लिए तैयार धान के पौधे बाढ़ के पानी में बह जाने से किसानों को काफी नुकसान पहुंचा। किसानों द्वारा लगातार की गयी मांग और राज्य सरकार द्वारा प्राप्त आदेशों का पालन करते हुए जिला प्रशासन ने नुकसान का सर्वे आरंभ किया। तैयार की गयी रिपोर्ट के अनुसार जिले के कुल 250 गांवों में सर्वाधिक नुकसान देखा गया है। इन गांवों में 1 हजार 613.16 हेक्टेयर क्षेत्र की फसल तबाह हुई है। जिसमें 2 हजार 881 किसानों पर अब दोबारा बुआई का संकट मंडराने लगा है। इस बीच जिले के मुलचेरा, कोरची और भामरागढ़ तहसील में किसी प्रकार का नुकसान नहीं होने की जानकारी प्रशासन ने दी है। नुकसान का सर्वेक्षण अब 94.61 प्रतिशत पूर्ण किया गया है। शेष खेतों का पंचनामा युध्दस्तर पर शुरू होने की जानकारी प्रशासन ने दी है। इस वर्ष नुकसान के कारण संकट में फंसे किसान सरकार से वित्तीय मदद की गुहार लगा रहे हैं।

Created On :   5 Aug 2023 6:33 PM IST

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