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रिकार्ड: अति नक्सल प्रभावित होते हुए भी मतदान के मामले में राज्य में अव्वल है गड़चिरोली जिला
- 2019 के संसदीय चुनाव में गड़चिरोली जिले में सर्वाधिक मतदान रिकार्ड
- आदिवासी लोगों ने हर चुनाव में नक्सलियों की चुनौतियों को मात दी
- जिला प्रशासन और पुलिस विभाग पूरी तरह तैयार
रूपराज वाकोड़े, गड़चिरोली । देश के अतिपिछड़े, नक्सल प्रभावित और आदिवासी बहुल जिले के रूप में गड़चिरोली परिचित है। वर्ष 2009 में चंद्रपुर जिले से विभक्त कर गड़चिराेली-चिमूर संसदीय क्षेत्र का पृथक निर्माण किया गया। इस संसदीय क्षेत्र के गड़चिरोली जिले में आने वाले गड़चिरोली, आरमोरी और अहेरी विधानसभा क्षेत्र में किसी भी प्रकार के चुनाव कार्य में नक्सलियों द्वारा बाधाएं निर्माण की जाती है। लोगों में दहशत निर्माण कर लोगों को मतदान से वंचित रखने का प्रयास किया जाता है। लेकिन जिले के आदिवासी लोगों ने हर चुनाव में नक्सलियों की चुनौतियों को चारो खाने चित्त कर लोकतंत्र को जिताया है। इसी का नतीजा हैं कि, गत 2019 के संसदीय चुनाव में गड़चिरोली जिले में सर्वाधिक मतदान रिकार्ड किया गया। यह मतदान समूचे राज्य में अव्वल रहा। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2019 में 71.98 प्रश लेकर अव्वल तो वर्ष 2014 में राज्य के 70.04 प्रतिशत मतदान लेकर गड़चिरोली जिला राज्य के चौथे स्थान पर रहा।
यहां बता दें कि, गड़चिरोली जिला सर्वाधिक नक्सलग्रस्त होने के कारण किसी भी चुनाव को संपन्न कराने के लिए जिला प्रशासन और पुलिस विभाग को एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ता है। लोगांे में भी मतदान को लेकर निरंतर रूप से जनजागृति करनी पड़ती है। गड़चिरोली-चिमूर संसदीय क्षेत्र का पृथक निर्माण होने के बाद पहली बार वर्ष 2009 में लोकसभा के आम चुनाव यहां संपन्न हुए। इस चुनाव में जिले में मतदाताओं ने रिकार्डतोड़ मतदान किया। 65.04 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। पहले चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रत्याशी मारोतराव कोवासे विजयी हुए थे। इसके बाद वर्ष 2014 में भी मतदाताओं ने बढ़-चढ़कर लोकतंत्र को जीत दिलाते हुए अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इस बार 70.04 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। यह मतदान राज्यभर में चौथे क्रमांक पर था। जबकि वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में राज्यभर से सर्वाधिक मतदान एकमात्र गड़चिरोली जिले में दर्ज किया गया। इस वर्ष सर्वाधिक 71.98 प्रतिशत मतदान रिकार्ड किया गया। वर्ष 2014 और 2019 में लगातार दोनों बार भाजपा प्रत्याशी व वर्तमान सांसद अशोक नेते निर्वाचित हुए। अब वर्ष 2024 में घोषित हुए लोकसभा चुनाव में भी रिकार्ड तोड़ मतदान के लिए जिला प्रशासन और पुलिस विभाग पूरी तरह तैयार हो गया है। गांव-गांव में पहुंचकर लोगों में मतदान के संदर्भ में जनजागृति का कार्य किया जा रहा है।
मुंबई की तुलना में गड़चिरोली आगे : चुनाव आयोग ने मुंबई में कुल 6 लोकसभा क्षेत्र का गठन किया है। लेकिन मतदान की तुलना में गड़चिरोली जिले से यह सभी 6 लोकसभा क्षेत्र फिसड्डी साबित हुए है। मुंबई उत्तर लोस क्षेत्र में वर्ष 2014 में 53.07 तो वर्ष 2019 में 59.98 प्रश मतदान हुआ। वहीं मुंबई उत्तर-पश्चिम लोस क्षेत्र में वर्ष 2014 में 50.57 प्रश तो वर्ष 2019 में 57.12 प्रश मतदान दर्ज किया गया। मंबई उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में वर्ष 2014 में 51.70 प्रश तो 2019 में 57.12 प्रश वहीं मुंबई उत्तर-मध्य क्षेत्र में वर्ष 2014 में 48.67 प्रश तो वर्ष 2019 में 53.61 प्रश मतदान रिकार्ड किया गया। मुंबई दक्षिण-मध्य लोस क्षेत्र में 2014 में 53.09 प्रश तो 2019 में 52.24 प्रश मतदान हुआ। जबकि मुंबई दक्षिण लोकसभा क्षेत्र में वर्ष 2014 में 52.49 प्रश तो वर्ष 2019 में 51.45 प्रश मतदान दर्ज किया गया। कुल मिलाकर राज्य में मंुबई के यह सभी 6 लोकसभा क्षेत्र विकसित और शिक्षक क्षेत्र के रूप में परिचित है। बावजूद यहां दोनों टर्म में कम मतदान रिकार्ड किया गया। वहीं अशिक्षित, अज्ञानी और अविकसित गड़चिरोली जिले में दोनों बार िरकार्ड तोड़ मतदान कर मतदाताओं ने यहां लोकतंत्र को मजबूत करने का पूरजोर प्रयास किया है।
Created On :   6 April 2024 12:09 PM GMT