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घर छोड़ने को मजबूर: रोजगार की तलाश में बेरोजगारों का पलायन शुरू
डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। जिले की आधे से अधिक तहसीलों का मुख्य व्यवसाय कृषि है। अब कृषि कार्य समाप्त हो चुके हैं। इसलिए उद्योगरहित तहसील के मजदूर रोजगार की तलाश में पड़ोसी तेलंगाना के लिए पलायन कर रहे हैं। इन मजदूरों को स्टेशन के प्रतीक्षालय की जगह कम पड़ने से रेलवे स्टेशन के बाहर पड़े टाइम पास करते दिखाई दिए।
चंद्रपुर जिले को औद्योगिक जिले के रूप में पहचाना जाता है। किंतु जिले की मूल, सावली, नागभीड, सिंदेवाही, ब्रम्हपुरी, चिमूर, पोंभूर्णा, गोंड़पिपरी, जिवती और कोरपना तहसील (गडचांदुर नगर पालिका क्षेत्र को छोड़कर) उद्योग नहीं है। इन तहसीलों का प्रमुख उद्योग कृषि है। खरीफ के सीजन में जिले के जिवती कोरपना तहसील को छोड़कर अन्य तहसीलों धान की पैदावार की जाती है। इसलिए जिले को धान का कटोरा कहा जाता है।
अब खेतों में काम न होने से पड़ोसी राज्य में रोजगार की तलाश में जा रहे हैं। राजुरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत गोंडपिपरी तहसील के गोजोली निवासी युवकों ने बताया कि तहसील में कोई कारखाना न होने के कारण अब वे पड़ोसी राज्य में रोजगार के लिए जा रहे हैं। वहां पर कुछ लोग मिरची तुडाई, कुछ मकान बनाने में मजदूरी और कुछ वहां की उद्योगों में काम करने वाले हंै।
एमआईडीसी की जगह पर महज बोर्ड लगा है और चार दशक बाद भी कोई उद्योग, इंडस्ट्रीज नहीं शुरू हो सकी है। इसके लिए बेरोजगार युवा जिले के जनप्रतिनिधियों को ही दोषी मानते हैं क्योंकि उन्हंे प्रतिवर्ष रोजगार की तलाश में पडोसी राज्य में जाना पड़ता है। इसके अलावा अन्य तहसील के युवक शामिल हैं।
Created On :   10 Oct 2023 3:53 PM IST