उजागर: करंट से बाघ की मौत मामले में किसान के खिलाफ मामला दर्ज, सबूत मिटाने का किया प्रयास

करंट से बाघ की मौत मामले में किसान के खिलाफ मामला दर्ज, सबूत मिटाने का किया प्रयास
  • पशुओं से सुरक्षा के लिए खेत की बाड़ में करंट लगाया
  • चपेट में आने से बाघ की हुई थी मौत
  • सबूत मिटाने कुल्हाड़ी से टुकड़े-टुकड़े किये

डिजिटल डेस्क, मूल (चंद्रपुर) । तहसील के उथलपेठ में पांच माह पूर्व खेत की बाड़ में लगे करंट से हुई बाघ की मौत का मामला उजागर हुआ। आरोपी सुरेश विठ्ठल चीचघरे ने कबूल किया कि दिसंबर 2023 में पशुओं से सुरक्षा के लिए खेत की बाड़ में करंट लगाया था, जिसकी चपेट में आने से बाघ की मृत्यु हो गई थी। इस घटना को छुपाने के लिए तीन दिन तक कुल्हाड़ी से बाघ के अंग को काटकर उसे जलाया था। 6 मई को यह घटना उजागर होने पर 8 मई को मुख्य आरोपी और सह आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश करने पर न्यायालय ने 15 दिन के एमसीआर में भेज दिया है।

चंद्रपुर वन विभाग अंतर्गत चिचपल्ली वन परिक्षेत्र के मूल उपक्षेत्र तथा चिरौली नियत क्षेत्र में उथलपेठ सर्वे क्रमांक 55/2 के चक नलेश्वर में विद्युत करंट लगने से पांच माह पूर्व बाघ की मौत के बारे में मिली गुप्त जानकारी के आधार पर वनविभाग की टीम ने संदेहास्पद स्थान से वन्यजीव का एक नुकीला दांत एवं कुछ जले हुए अंग बरामद किए। आरोपी से पूछताछ की गई जिसमें उसने बताया कि दिसंबर 2023 में विद्युत प्रवाह के बाड़ के करंट से बाघ मर गया था। इस मामले को दबाने के लिए तीन दिनों तक बाघ के अंगांे को काटकर जलाया और बाद में उसे खेत में गाड़ दिया। सहायक वन संरक्षक जी.आर.नायगमकर,बंडू धोतरे, राष्ट्रीय व्याघ्र प्राधिकरण प्रतिनिधि मुकेश भांदककर ने घटनास्थल पर पहुंचकर जायजा लिया। इस घटना के बारे में पुख्ता सबूत मिलने पर वन्यजीव संरक्षण कानून 1972 के तहत मुख्य आरोपी सुरेश चीचघरे और सह आरोपी श्रीकांत बुरांडे को गिरफ्तार कर 8 मई मूल कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने उसे 15 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में रखा गया है। जांच के दौरान आरोपी द्वारा बाघ के शिकार के सबूत मिटाने के लिए इस्तेमाल किए ट्रैक्टर तथा मोटरसाइकिल को जब्त किया गया है।

कार्रवाई चंद्रपुर वनमंडल की प्रभागीय वन अधिकारी शुभांगी चव्हाण तथा सहायक वन संरक्षक नायगमकर के मार्गदर्शन में चिचपल्ली वन परिक्षेत्र अधिकारी प्रियंका वेलमें, संजीवनी पर्यावरण संस्था के उमेश सिंह झिरे, क्षेत्र सहायक एमजे म्हस्के,पीडी खनके, केलझर के क्षेत्र सहायक एनडब्ल्यू पडवे, चिरौली के वनरक्षक एसजी गेडाम, जनला के वनरक्षक राकेश गुरनुले, मूल के वनरक्षक सुधीर ठाकुर, तन्मय सिंह जीरे आदि वन कर्मचारी के उपस्थिति में हुई है। गुुरुवार 16 मई को घटना सामने आने के बाद जनवरी से अब तक चंद्रपुर जिले में 8 बाघों की मृत्यु हो चुकी है।


Created On :   17 May 2024 3:34 PM IST

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