बाधा: शेडगांव के प्रवेश द्वार को सैलानियों का इंतजार, कछुआ गति से चल रहा काम

शेडगांव के प्रवेश द्वार को सैलानियों का इंतजार, कछुआ गति से चल रहा काम
  • एक साल पहले शुरू किया था 37 किलोमीटर की वन सफारी का काम
  • गेट खुलने का इंतजार करते रहे वन्यजीव प्रेमी, अब बारिश मुहाने पर
  • काम की गति धीमी होने के कारण कई काम अधूरे

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। ताड़ोबा अंधारी टाइगर रिजर्व में जंगल सफारी के लिए देश-विदेश से पर्यटक आते हैं। ताड़ोबा के कोर, बफर जोन के माध्यम से सफारी की जाती है। इसके साथ ही वन विभाग के क्षेत्रीय क्षेत्र में बाघ समेत कई वन्य जीव हैं। इसलिए, वन पर्यटन से आय प्राप्त करने के लिए चिमूर क्षेत्रीय वन क्षेत्र के तहत शेडगांव सफारी गेट बनाया गया था। इसका आवश्यक कार्य कछुआ गति से चल रहे हैं। इसके चलते एक साल बाद भी सफारी शुरू नहीं होने से पर्यटकों को प्रवेश द्वार पर इंतजार करना पड़ रहा है।

ताड़ोबा अंधारी टाइगर रिजर्व, जिसमें बाघों की संख्या सबसे अधिक है, बाघों के दिखने की गारंटी है। यह ताड़ोबा को विदेशी पर्यटकों के लिए सबसे लोकप्रिय वन पर्यटन स्थल बनाता है। छुट्टियों के दौरान इस मेगा परियोजना के मुख्य और बफर क्षेत्रों के प्रवेश द्वार पर पर्यटन बुकिंग फुल रहती है। आमतौर पर छुट्टियों के दौरान पर्यटन की योजना बनाई जाती हैं। कई बार सफारी में अत्याधिक भीड़ होने के कारण कई पर्यटकों को जंगल सफारी स्थगित करनी पड़ती है।

वन विभाग के क्षेत्रीय क्षेत्रों में बाघ, तेंदुए और अन्य जंगली पशुओं का भी निवास स्थान है। इसके चलते वन पर्यटकों को प्रोत्साहित करने, वन विभाग को आय देने, स्थानीय लोगों को रोजगार प्रदान करने के उद्देश्य से चिमूर क्षेत्रीय वन क्षेत्र के चिमूर, मूरपार, खड़संगी उपवन क्षेत्रों से सफारी के लिए शेडगांव सफारी गेट की योजना बनाई गई हैं। तीन उपवन क्षेत्रों से करीब 37 किलोमीटर की वन सफारी की सुविधा का काम एक साल पहले शुरू किया गया था। हालांकि, काम की गति धीमी होने के कारण कई काम अधूरे हैं।

चिमूर-वरोरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर फ्लाईओवर की शुरुआत में एक प्रवेश द्वार बनाया गया है। नियोजित सफारी प्रवेशद्वार और सफारी क्षेत्र ताड़ोबा और करांड बाघ प्रकल्प के बाघ, वन्यजीवों का गलियारा है। इसलिए वन विभाग के इस क्षेत्रीय क्षेत्र में बछड़े, तीन बाघिन और दो बाघ पाए जाते हैं। तेंदुए, भालू, खरगोश, हिरण, सांभर, जंगली सुअर, आदि भी बड़ी संख्या में हैं। आशा थी कि शेडेगांव का प्रवेश द्वार गर्मियों से पहले खोल दिया जाएगा और स्थानीय लोगों को जिप्सियों और गाइड के माध्यम से रोजगार मिलेगा। हालांकि, अब मानसून आ रहा है तो इस उम्मीद पर पानी फिर गयाकाम की गति धीमी होने के कारण कई काम अधूरेहै। गेट खुलने का इंतजार क्षेत्र के नागरिकों सहित वन्यजीव प्रेमियों को भी करना पड़ेगा।


Created On :   12 Jun 2024 4:18 PM IST

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