- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- चंद्रपुर
- /
- प्रदूषण से जनता त्रस्त, एमपीसीबी...
समस्या: प्रदूषण से जनता त्रस्त, एमपीसीबी मस्त!
योगेश चिंधालोरे , चंद्रपुर । औद्योगिक चंद्रपुर जिले में शीतकाल के दिनों में प्रदूषण दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है। प्रदूषण की रोकथाम, नियंत्रण या कमी और उसके सुरक्षित निष्पादन के लिए व्यापक कार्यक्रम की योजना बनाने की जिम्मेदारी जिस महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल की है, वह उपाय योजना करने में विफल नजर आ रहा है। इस कारण चंद्रपुर की जनता त्रस्त होकर विविध बीमारियों से ग्रस्त हो रही है। इस सबके बीच एमपीसीबी के अधिकारियों के कानों पर जूं तक नही रेंग रही जिससे कई सवाल उपस्थित हुए हैं।
एक दिन भी नसीब नहीं हो रहा प्रदूषण रहित दिन
चंद्रपुर के हाल इतने बेहाल हो चुके हंै कि, एक दिन भी बिना प्रदूषण का नहीं निकल रहा। पिछले माह अक्टूबर की बात करें तो 31 में से 31 दिन प्रदूषण पाया गया। थर्मल पावर स्टेशन, कोयला खदानें, सीमेंट उद्योग व अन्य उद्योग-कारखानों के अलावा वाहनों की बढ़ती संख्या, धुआं, धूल, सड़क की धूल, कचरा जलाना, निर्माण आदि इसके कारण हैं। हाल के दिनों में प्रदूषण में भारी वृद्धि हुई है और यह कई स्वास्थ्य समस्याओं के लिए कारण बन रहे जिसमें श्वसन रोग, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, टीबी, हृदय, मानसिक रोग और त्वचा रोग जैसी बीमारियों का समावेश है। शहर का आलम यह है कि, वायू प्रदूषण कम करने के लिए मनपा द्वारा वॉटर फॉगर मशीन द्वारा छिड़काव किया जा रहा है।
जिले के इन स्थानों पर अधिक प्रदूषण : औद्योगिक चंद्रपुर जिले में विविध एमआईडीसी के अलावा चंद्रपुर शहर व घुग्घुस, ताडाली, बल्लारपुर, राजुरा, गडचांदुर आदि स्थानों पर बड़े पैमाने पर प्रदूषण पाया जाता है। जानकारों के अनुसार यहां का औसत एअर क्वालिटी इंडेक्स 200 से अधिक पाया जाता है। वायु गुणवत्ता सूचकांक की गणना करने के लिए धूल कण 2.5, 10, ओजोन, कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड जैसे प्रदूषकों को मिलाकर सूचकांक की गणना की जाती है। 0-50 का सूचकांक अच्छा है, 51-100 संतोषजनक है, 100-200 मध्यम प्रदूषित है, 200-300 अत्याधिक प्रदूषित है, 300-400 अत्याधिक प्रदूषित है और 400-500 खतरनाक माना जाता है। अक्टूबर 2023 के महीने में चंद्रपुर में 31 दिनों में से 31 दिन प्रदूषण देखा गया।
सख्ती से कार्रवाई करने की जरूरत : भीषण प्रदूषण के लिए पहचाने जानेवाले चंद्रपुर जिले में कई ऐसे उद्योग, कारखाने है जो पर्यावरण नियमों की धज्जियां उड़ाकर चल रहे हंै। ऐसे उद्योगों से बड़े पैमाने पर वायु के साथ जल प्रदूषण करते हंै किंतु कोई कार्रवाई नहीं हो रही। ऐसे में कभी किसी ने शिकायत करने पर स्थानीय एमपीसीबी कार्यालय द्वारा नोटिस देने की कार्रवाई की जाती है। बावजूद कार्य में सुधार नहीं होने पर क्लोजर नोटिस तक देते हैं।
इसके बाद की कार्रवाई मुंबई कार्यालय से होगी, ऐसा कहकर अपना हाथ उठा लेते हंै। मात्र वरिष्ठ स्तर से आवश्यक कड़ी कार्रवाई नहीं होने से उद्योगों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। ऐसे में उन पर साठगांठ के आरोप भी लगते आए हैं। पिछले सप्ताह ही अत्याधिक प्रदूषण बढ़ने के लिए प्रशासन की अनदेखी होने का आरोप लगाते हुए चंद्रपुर बचाओ संघर्ष समिति ने सख्त उपाय योजना करने की मांग की थी। महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारी और संबंधित विभाग दिनों-दिन बढ़ रहे प्रदूषण की ओर अनदेखी करने का आरोप भी लगाया था। इस ओर एमपीसीबी के वरिष्ठों ने ध्यान देकर चंद्रपुरवासियों को प्रदूषण से राहत देने की मांग की जा रही है।
दीपावली में उड़ी नियमों की धज्जियां : विगत दिनों दीपावली के दिनों में सुको के प्रतिबंध आदेश के बावजूद अधिक आवाज वाले पटाखों की जमकर बिक्री होकर बड़े पैमाने पर फोड़े गए। इस कारण जिले की हवा हद से अधिक प्रदूषित हो गई। 12 नवंबर को एक्यूआई 455 रिकार्ड किया गया। बता दंे कि, दीपावली के पूर्व एमपीसीबी ने पटाखों के आवाज का परीक्षण कर खानापूर्ति की थी। उस समय पर्यावरण जानकारों ने पटाखों के आवाज के स्तर और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा निर्धारित शोर के स्तर के बीच विसंगति के पर चिंता व्यक्त की थी।
Created On :   23 Nov 2023 1:16 PM IST
Tags
- महाराष्ट्र
- चंद्रपुर समाचार
- Chandrapur samachar
- Chandrapur news in hindi
- Chandrapur news
- Chandrapur hindi news
- Chandrapur latest news
- Chandrapur breaking news
- latest Chandrapur news
- Chandrapur city news
- चंद्रपुर न्यूज़
- Chandrapur News Today
- Chandrapur News Headlines
- Chandrapur Local News
- People
- troubled
- pollution
- MPCB
- happy!