कपास की होली जलाकर तहसील कार्यालय पर आंदोलन

कपास की होली जलाकर तहसील कार्यालय पर आंदोलन
उचित दाम न मिलने से किसानों का फूटा गुस्सा

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। केंद्र और राज्य सरकार की किसान विरोधी नीतियों की वजह से कपास उत्पादक किसानों को उचित दाम नहीं मिल रहा है, ऐसा आरोप लगाते हुए वंचित बहुजन आघाड़ी(वंबआ) ने राजुरा तहसील कार्यालय पर बैलगाड़ी मोर्चा निकालकर तहसील कार्यालय के सामने कपास की होली जलाकर शासन की नीतियों का विरोध किया।

आंदोलन के दौरान तहसीलदार आंदोलनकर्ताओं के साथ चर्चा के लिए तैयार नहीं होने पर संतप्त अंादोलनकारियों ने तहसील कार्यालय परिसर में ठिया आंदोलन कर शासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। आंदोलन को देखते हुए तहसीलदार ने वंबआ के पदाधिकारियों से चर्चा कर चार दिनों में उनकी मांगे पूरी करने का आश्वासन दिया है। आंदोलनकर्ताओं ने बताया कि सरकार ने कीटनाशक और खादों के दाम में भारी वृध्दि कर किसानों की लूट मचा रखी हंै। इतना ही नहीं गत वर्ष राजुरा विधानसभा क्षेत्र के किसानों को चार मर्तबा बाढ़ की त्रासदी झेलनी पड़ी थी। जैसे-तैसे किसानों ने फसलें ली। किंतु कपास के दाम 10 हजार भी नहीं पहुंचे है, इसकी वजह से किसानों को कम दाम में अपना कपास बेचना पड़ा है, जिससे किसान आर्थिक संकट में आए हंै। इधर, राजुरा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बीजों की कालाबाजारी शुरू है, मात्र कृषि विभाग इस आेर अनदेखी कर रहा है। ऐसे में नकली बीज उत्पादन और बेचने वालों पर कार्रवाई करें, किसानों को 50 प्रतिशत दाम पर खाद और बीज उपलब्ध करए, अन्यथा व्यापारियों के गोदाम को ताला ठोककर तीव्र आंदोलन की चेतावनी वंचित के जिलाध्यक्ष भूषण फुसे ने दी है। इस आंदोलन में महिला आघाड़ी की जिलाध्यक्ष कविता गोरकार, गोंडपिपरी तहसील निरीक्षक भगीरथ वाकडे, तहसील अध्यक्ष सुशील मडावी, उपाध्यक्ष धनंजय बोर्डे, कार्याध्यक्ष सुभाष हजारे, अभिलाष परचाके के साथ वंबआ के पदाधिकारी और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल हुए।

Created On :   9 Jun 2023 6:30 PM IST

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