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वन्यजीव: गांवों को स्थानांतरित करने से ताड़ोबा में वन्यजीवों की संख्या तेजी से बढ़ी
- बढ़ी हुई घास से वन्यजीवों की संख्या में हो रही वृद्धि
- छोटी-बड़ी आवश्यकताओं पर ध्यान केन्द्रित
- छोटी, मध्यम और ऊंची घास पोषक की तरह
डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। ताड़ोबा अंधारी बाघ प्रकल्प के कई गांवों को पिछले पांच वर्षों में दूसरी जगह पर स्थानांतरित किया गया। गांवों के स्थलांतरण के बाद खाली पड़ी जमीन पर घास लगाई गई। ऐसे में वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि उस बढ़ी हुई घास से वन्यजीवों की संख्या में वृद्धि हुई है। गांवों के स्थलांतरण के कारण ताड़ोबा में वन्यजीवों की संख्या में वृद्धि होने की बात सामने आयी है।
वन्यजीवों के लिए सुविधाजनक विचरण : ताड़ोबा अंधारी बाघ प्रकल्प के कई गांवों का पुनर्वास होने के बाद नए से पुनर्स्थापित घास का मैदान, सभी प्रकार के वन्यजीवों और शिकार प्रजातियों के लिए आवश्यक चारा, छिपने और प्रजनन के लिए स्थल प्रदान करते है। कुछ वनौषधि, झाड़ियां और जंगली फलदार वनस्पति लगी हैं। छोटी, मध्यम और ऊंची एेसी तीन प्रकार की घास इन गांवों के क्षेत्र में विकसित की गई हैं। जो जानवरों के लिए पोषक है। इससे ताड़ोबा में जंगली जानवरों की संख्या बढ़ी है। वनविभाग हर छोटी-बड़ी आवश्यकताओं पर ध्यान केन्द्रित किए हुए है।
बकायादारों के काटे जा रहे विद्युत कनेक्शन: महावितरण के चंद्रपुर परिमंडल में चंद्रपुर और गड़चिरोली जिले के अनेक ग्राहकों पर बकाया 516 करोड़ 19 लाख तक पहुंच गया है। अब मार्च एंडिंग को देखते हुए बकायेदारों से वसूली एवं बिजली कटौती का अभियान चलाया जा रहा है। चंद्रपुर परिमंडल में चालू वर्ष और पिछले वर्ष की कुल मांग में से घरेलू ग्राहकों पर 13 करोड़ 95 लाख बकाया है। वाणिज्यिक ग्राहकों पर 4 करोड़ 76 बकाया है, औद्योगिक ग्राहकों पर 3 करोड़ 15 लाख, जलापूर्ति योजनाओं पर 4 करोड़ 36 लाख, सरकारी व अन्य निम्नदाब उपभोक्ताओं पर 5 करोड़ 61 लाख, कृषि पंप धारकों पर 350 करोड़ 51 लाख और स्ट्रीट लाइट पर 134 करोड़ 35 लाख बकाया है। इसलिए नवंबर 2022 से जनवरी 2024 के बीच चंद्रपुर परिमंडल में 12 हजार ग्राहकों की बिजली स्थायी रूप से काट दी है।
Created On :   22 Feb 2024 5:01 PM IST