हंगामा: सांसद प्रतिभा धानोरकर के भाई ने दी गाली, कार्यकर्ता ने जड़ा थप्पड़, बढ़ा तनाव

  • धानोरकर के सामने ही खदान अधिकारी के साथ हुई मारपीट
  • प्रकल्पग्रस्त अपनी मांगों को लेकर अड़े
  • कर्नाटक एम्टा के खिलाफ भड़का आक्रोश

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। भद्रावती तहसील अंतर्गत ग्राम बरांज में कर्नाटक एम्टा के खिलाफ प्रकल्पग्रस्तों के मांगों के लिए किए गए आंदोलन में चर्चा दौरान कांग्रेस सांसद प्रतिभा धानोरकर के सामने ही उनके भाई प्रवीण काकडे ने कंपनी के अधिकारी को गाली दी। इतना ही एक व्यक्ति ने अधिकारी को पीछे से गाल पर थप्पड जड़ दिया जिससे परिसर में हंगामा खड़ा होकर तनावपूर्ण स्थिति बन गई। आंदोलन भड़कने से वहां मौजूद पुलिस अधिकारी, कर्मचारियों ने मामले को शांत करने का प्रयास किया। लेकिन प्रकल्पग्रस्तों की मांगों को लेकर आंदोलनकारियों ने खदान का काम दिनभर बंद रखा। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने से तरह-तरह के चर्चाओं से बाजार गर्म हो गया। गौरतलब है कि, कनार्टक सरकार द्वारा संचालित कर्नाटक एम्टा कोयला खदान कुछ वर्ष बंद रहने के बाद नए से शुरू हुई है। ऐसे में अनेक प्रकल्पग्रस्तों की मांगों के लिए अनेक आंदोलन हुए परंतु कर्नाटक एम्टा प्रबंधन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।

ऐसे में 19 जून को सुबह 10 बजे किसानों की मांगों के लिए कर्नाटक एम्टा के खिलाफ सांसद प्रतिभा धानोरकर ने आंदोलन किया। अनेक प्रकल्पग्रस्त किसान वर्ग इसमें शामिल हुआ था। इस समय चर्चा के लिए आए अधिकारियों के पास किसानों की मांगों के संबंध में जानकारी नहीं थी जिससे प्रकल्पग्रस्तों ने रोष व्यक्त किया। इस दौरान वहां मौजूद सांसद के भाई ने अधिकारी के साथ गालीगलौज की। इतने में ही पीछे खड़े एक व्यक्ति नने अधिकारी को थप्पड़ जड़ दिया। इससे परिसर में हंगामा मच गया। गालीगलौज के साथ धक्कामुक्की हुई। वहां मौजूद पुलिस अधिकारी, कर्मचारियों को स्थिति संभालने के लिए एड़ीचोटी का जोर लगाना पड़ा। आंदोलन व चर्चा के दरम्यान सांसद प्रतिभा धानोरकर समेत वन प्रशासन अधिकारी खाडे व कर्नाटक एम्टा के अधिकारी व प्रकल्पग्रस्त किसान, कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित थे। दूसरी ओर इस मामले को लेकर कंपनी प्रबंधन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी। सांसद के सामने हुई इस गालीगलौज और मारपीट की घटना को लेकर तरह-तरह चर्चाएं हो रहीं हैं।

और उग्र आंदोलन करेंगे : धानोरकर : आंदोलन के संबंध में सांसद प्रतिभा धानोरकर ने कहा कि, इस कंपनी के संबंध में अनेक शिकायतें प्राप्त हो रहीं थीं। इस प्ररिप्रेक्ष्य में प्रशासन की ओर अनेक बार बैठक का आयोजन किया गया परंतु कंपनी के अधिकारी मुंहजोरी कर किसान व प्रकल्पग्रस्तों की अवहेलना कर रहे थे। बुधवार को आंदोलन करते समय अधिकारियों को न्याय मांगने का प्रयास किया परंतु किसानों को न्याय न देते हुए अवहेलना करने से आंदोलन भड़क गया। भविष्य में प्रकल्पग्रस्त किसानों को न्याय न मिलने पर इससे भी अधिक उग्र आंदोलन करने की बात सांसद धानोरकर ने कही।


Created On :   20 Jun 2024 11:15 AM GMT

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