वन विचरण: यूरोप की डिवाइस के साथ ताड़ोबा के आसमान में उड़ेंगे जटायु , सफ़ेद पूंछ वाले 10 गिद्धों को लाया

यूरोप की डिवाइस के साथ ताड़ोबा के आसमान में उड़ेंगे जटायु , सफ़ेद पूंछ वाले 10 गिद्धों को लाया
  • जीएसएम ट्रांसमिशन ट्रैकिंग डिवाइस लगाई गई
  • वनक्षेत्र के मौसम की आदत के लिए प्री-रिलीज एवेयरी में रखा
  • पक्षियों की रोजाना के हलचल की जानकारी वैज्ञानिकों को मिलेगी

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। ताड़ोबा-अंधारी बाघ प्रकल्प के जटायू संवर्धन प्रकल्प में रखे गए गिद्धों को जीएसएम ट्रांसमिशन ट्रैकिंग डिवाइस सफल रूप से लगाई गई। यह डिवाइस यूरोप से आयात की गई है। गौरतलब है कि, ताड़ोबा में 21 जनवरी 2024 को जटायु संवर्धन केंद्र स्थापित किया गया था। इस केंद्र में बॉम्बे नैचरल हिस्ट्री सोसाइटी संस्था के पिंजोर स्थित संशोधन केंद्र के विलुप्त होने की कगार पर पहुंचे सफ़ेद पूंछ वाले 10 गिद्धों को यहां लाया गया था। ताड़ोबा के वनक्षेत्र में निर्माण किए गए प्री-रिलीज एवेयरी में विशेषज्ञों की देखरेख में गिद्धों को रखा गया था। सर्वप्रथम इन गिद्धों को इस वनक्षेत्र के मौसम की आदत हो, इस हेतु से प्री-रिलीज एवेयरी में रखा था।

गिद्धों को पिछले 6 माह से रोजमर्रा व सूक्ष्म अभ्यास बीएनएचएस संस्था के वैज्ञानिक कर रहे थे। इन सभी गिद्धों को निसर्ग मुक्त करना आवश्यक होने से 4 जुलाई को बॉम्बे नैचरल हिस्ट्री सोसाइटी, मुंबई के वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने सभी 10 गिद्धों को जीएसएम ट्रांसमिशन ट्रैकिंग डिवाइस लगाई गई। उक्त जीपीएस टैग लगाने के बाद दो-तीन दिन के निरीक्षण पश्चात सभी गिद्धों को निसर्गमुक्त किया जाएगा। इससे इन पक्षियों की रोजाना के हलहच की जानकारी वैज्ञानिकों को मिलेगी। इस अभ्यास से गिद्ध संवर्धन व संरक्षण के लिए उपाय-योजना निश्चित की जाएगी। जटायु संवर्धन केंद्र की शुरुअात वनमंत्री सुधीर मुनगंटीवार नेतृत्व में की गई थी। बॉम्बे नैचरल हिस्ट्री सोसाइटी के अध्यक्ष प्रवीण परदेशी व संचालक किशोर रिठे के सहयोग से गिद्ध संवर्धन होने में मजबूती मिल रही है।

उक्त उपक्रम को सफल बनाने ताड़ोबा के उपसंचालक (कोर) आनंद रेड्डी, वनपरिक्षेत्र अधिकारी कोलसा केरुंदन कातकर, वनपाल एन. एल. सिडाम, वनरक्षक निखिल रामगीरकर व टीम, पशु वैद्यकीय अधिकारी डा. रविकांत खोब्रागडे, संस्था के वैज्ञानिक डॉ. सचिन रानडे, डॉ. काझवी, पेंच बाघ प्रकल्प के पशुवैद्यकीय अधिकारी श्री. निखिल बांगर ने प्रयास किया। उक्त प्रकल्प मुख्य वनसंरक्षक तथा ताड़ोबा के क्षेत्र संचालक डा. जितेंद्र रामगावकर के मार्गदर्शन में शुरू है।

Created On :   6 July 2024 4:40 PM IST

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