आक्रोश: भीषण गर्मी में बिजली की आंखमिचौनी से नागरिक हो रहे परेशान, उग्र आंदोलन की चेतावनी

भीषण गर्मी में बिजली की आंखमिचौनी से नागरिक हो रहे परेशान, उग्र आंदोलन की चेतावनी
  • महावितरण की गलत नीतियों का विरोध
  • बार-बार बिजली खंडित होने से बढ़ी परेशानी
  • मोर्चा निकालकर सौंपा ज्ञापन

डिजिटल डेस्क, चिमूर(चंद्रपुर)। नौतपा शुरू हो चुका है और तापमान नये रिकार्ड की ओर बढ़ रहा है किंतु महावितरण की गलत नीतियों से पिछले पखवाड़े भर से हर रोज 15 से 20 बार बिजली आपूर्ति खंडित हो रही है। इससे परेशान नागरिकों ने तहसील कांग्रेस चिमूर विस समन्वयक डा. सतीश वारजुर के नेतृत्व में मोर्चा निकालकर महावितरण के उप कार्यकारी अभियंता जलगावकर को निवेदन सौंपा है।

भले ही तहसील में विकास की बातें हो रही हों, लेकिन नियमित बिजली आपूर्ति के मामले में चिमूर अभी भी पिछड़ा हुआ है। पिछले पांच साल से चर्चा चल रही है कि चिमूर शहर को पर्याप्त बिजली देने 33 केवी की बजाय 66 केवी के प्लांट लगाए जाएंगे। इसलिए जनप्रतिनिधियों ने वादा किया था कि बिजली की कमी दूर होगी, बिजली कंपनी के उपवितरण केंद्र दूसरे स्थानों पर बनाए गए, तो लगा कि शहर में बिजली का लोड कम हो जाएगा। लेकिन आज भी हल्की आंधी आने से बिजली खंडित हो जाती है। इसलिए नियमित बिजली के लिए तत्काल उपाय योजना करें अथवा आंदोलन के चेतावनी का निवेदन मोर्चा के बाद दिया है। निवेदन देने वालों में डॉ. वारजूकर के साथ जिला कांग्रेस महासचिव गजानन बुटके, तहसील अध्यक्ष डॉ. विजय गावंडे, कांग्रेस नेता विवेक कापसे, रोशन ढोक, राजू चौधरी, शांताराम सेलवटकर, सविता चौधरी भावना बावनकर, मोहिनकर स्वप्निल मालके, सरपंच रामदास चौधरी, सरपंच भोजराज कामडी, सुधीर जुमडे, लटारू सूर्यवंशी, सुभाष करारे, रूपचंद शास्त्रकर, आदि उपस्थित थे।

विद्युत विभाग के प्रति भारी रोष : चंद्रपुर. भीषण गर्मी पड़ रही है इसके बावजूद पिछले तीन दिनों से रात डेढ़ से दो बजे लगभग 2 से 3 घंटे के लिए बिजली आपूर्ति खंडित कर दी जाती है। कोरपना तहसील के आवारपुर गांव में बिजली खंडित रहते हुए गांव के महादेव वासेकर की मृत्यु हो गई थी। भीषण गर्मी के बाद बिजली आपूर्ति खंडित होना मौत का कारण होने का आरोप ग्रामीणों ने लगाया है। इसलिए सुचारू बिजली आपूर्ति न करने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।

मानसून पूर्व नालों की सफाई करें : हालांकि गर्मी का महीना मई खत्म हो रहा है और 25 से रोहिणी नक्षत्र से बारिश भी शुरू होती है। लेकिन अभी तक मानसून पूर्व सफाई का काम नहीं हुआ है। तहसील के ग्रामीण क्षेत्र के सड़क किनारे के नालियों में प्लास्टिक, कचरे से भर हुए विभिन्न स्थानों पर गोबर खाद के ढेर दिखाई दे रहे हैं। कुछ दिनों पहले हुई बेमौसम बारिश से ग्रामीण इलाकों में दस्तक दी थी। इससे ग्रामिण क्षेत्र में जगह-जगह पानी भरा हुआ था। इस बार बारिश जल्द ही होने का अनुमान मौसम विभाग ने लगाया है। किंतु अब तक मानसून पूर्व नालियों की सफाई, नालों के किनारे के झाडियों की सफाई नहीं की जा रही है जिसे पानी का बहाव न होने पर घरों में पानी घुसने की संभावना है। इसलिए नागरिकों ने मानसून पूर्व सफाई की मांग की है।


Created On :   30 May 2024 3:51 PM IST

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