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क्षति: अधूरे पुल की वजह से सोयाबीन और कपास के खेत में घुसा बैकवॉटर, भारी नुकसान
- मुआवजे के लिए किसानों ने किया चक्काजाम
- खेत में पानी भरने से किसानों का भारी नुकसान
- मार्ग के अनेक पुलों का काम अधूरा
डिजिटल डेस्क, चिमूर (चंद्रपुर)। चिमूर-वरोरा महामार्ग का काम पिछले अनेक वर्षो से शुरू है। इस मार्ग के खडसंगी वाहनगांव के बीच नाले पर बड़े पुल का काम अधूरा होने से पानी के बहाव का मार्ग रुक गया और पानी सीधे किसानों के खेत में घुस गया। जिससे परिसर के कपास, सोयाबीन के खेत में पानी भरने से किसानों का भारी नुकसान हुआ है। कंपनी से मुआवजा की मांग के लिए शुक्रवार को किसानों ने कुछ देर के लिए चिमूर-वरोरा महामार्ग पर चक्काजाम किया।
चिमूर वरोरा महामार्ग के शेंडेगांव से वाहानगांव तक का काम केसीसी कंपनी पिछले वर्षो से कर रही है। खडसंगी से दो किमी दूरी पर एक नाले पर बड़े पुल का निर्माणकार्य चल रहा है। पुल निर्माण के लिए बाजू से सीमेंट के पाइप डालकर वैकल्पिक रास्ता बनाया है। इस पाइप से पानी निकासी के लिए पर्याप्त जगह न होने से बारिश का पानी पास के खेतों में जमा होने से कपास और सोयाबीन फसल का नुकसान हुआ है। केसीसी कंपनी की लापरवाही की वजह नुकसान होने से कंपनी से नुकसान भरपाई की मांग किसान पत्रु चट्टे ने की है।
अनेक पुलों का काम अधूरा : बरसात के दिनों के पानी निकासी के लिए पुल का निर्माणकार्य ग्रीष्मकाल में करना जरूरी था किंतु मार्ग के अनेक पुलों का काम अधूरा है। जिससे खेतों में पानी भरने की पुनरावृत्ति होना तय है।
नुकसान भरपाई के लिए रोका महामार्ग _ पुल का काम कछुआ गति से चल रहा है। इसकी वजह से गुरुवार की रात हुई बरसात का पानी बहाव का मार्ग खुला न होने की वजह से बैक वाॅटर किसानों के खेत में घुस गया। नतीजन कपास और सोयाबीन फसल का नुकसान हुआ है। इसलिए किसानों ने कंपनी से मुआवजा की मांग के लिए कुछ देर के लिए महामार्ग जाम कर दिया।
Created On :   29 Jun 2024 1:44 PM GMT