Chandrapur News: यूजीसी कुलगुरु चयन प्रक्रिया के स्वरूप का किया जा रहा विरोध

यूजीसी कुलगुरु चयन प्रक्रिया के स्वरूप का किया जा रहा विरोध
  • निजी शाला शिक्षक संघ के केंद्रीय अध्यक्ष रेवतकर ने दी जानकारी
  • आदेश का क्रियान्वयन न करने पर अनुदान नहीं मिलेगा

Chandrapur News केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने 6 जनवरी को विश्वविद्यालय प्रपत्र 10.1 चार में एक परिपत्र जारी कर देश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलगुरु चयन प्रक्रिया में बदलाव का सुझाव दिया है। इसमें केंद्र सरकार ने राज्य सरकार और राज्य विधानमंडल के अधिकार केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रतिनिधि, राज्यपाल, उनके प्रतिनिधि और विश्वविद्यालय प्रबंधन प्रतिनिधि को दिया है। इस आदेश का क्रियान्वयन नहीं किया गया तो संबंधित विश्वविद्यालय को 50 प्रतिशत अनुदान नहीं दिया जाएगा। इस संबंध में कानून बनाने की अवधि 30 दिन यानी 5 फरवरी तक रखी गई है। इसलिए ऑनलाइन आपत्ति दर्ज कराने अपील निजी शाला शिक्षक संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष प्रमोद रेवतकर ने पत्र परिषद में की है।

रेवतकर ने कहा कि आपत्तियां draft-regulations@ugc.gov.in इस इमेल पर दर्ज करायी जा रही है। साथ ही, प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा अधिकारी के पद के लिए शैक्षणिक योग्यता बी.एड, पांच वर्ष का अनुभव आवश्यक है किंतु किसी व्यक्ति के पास बी.एड. की डिग्री, पांच वर्ष का अनुभव नहीं है इसके बाजवूद उसे शिक्षाधिकारी, उपशिक्षाधिकारी के रूप में पदोन्नत कर दिया जाता है तो शैक्षणिक स्तर कैसे ऊंचा उठेगा? इसलिए शिक्षाधिकारी और उपशिक्षाधिकारी का चयन डिग्री देखकर करने की मांग रेवतकर ने की है।

सीबीएसई और आईसीएसई मान्यता प्राप्त प्राथमिक, माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारियों को सेवा समाप्ति और पदोन्नति के लिए राज्य सरकार स्कूल न्यायाधिकरण में आवेदन करने की अनुमति देने के लिए शिक्षा अधिनियम-1977 और सेवा शर्तें नियम, 1981 में संशोधन की मांग की गई है। पत्र-परिषद में प्रमोद रेवतकर, पुरुषोत्तम टोंगे, रवींद्र जेनेकर, विजय नंदनवार, हेमंत कोचे, विजय राठोड, किशोर दहेकर, राकेश कुमरे, गंगाधर खिरटकर, आशीष टिपले, आशुतोष गजेवार उपस्थित थे।


Created On :   30 Jan 2025 1:37 PM IST

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