Chandrapur News: ताड़ोबा में प्रवासी पक्षियों की बढ़ती संख्या बनी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र

  • इस वर्ष दिखाई दिये 300 से अधिक प्रजाति के पंछी
  • 5 वर्षों से लगातार किए जा रहे बर्ड वॉचिंग और संरक्षण प्रयास अब रंग ला रहे

Chandrapur News महाराष्ट्र का ताड़ोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व इस साल प्रवासी पक्षियों की बढ़ती संख्या के कारण सुर्खियों में है। पक्षी प्रेमियों और संरक्षणवादियों का मानना है कि पिछले 5 वर्षों से लगातार किए जा रहे बर्ड वॉचिंग और संरक्षण प्रयास अब रंग ला रही हैं। ताड़ोबा और उसके आसपास के क्षेत्रों में प्रवासी पक्षियों की बढ़ती संख्या न केवल वन्यजीव प्रेमियों को आकर्षित कर रही है, बल्कि स्थानीय समुदायों के लिए भी फायदेमंद साबित हो रही है। बर्ड वॉचिंग पर्यटन के बढ़ने से स्थानीय गाइड, होमस्टे और व्यापारियों को आर्थिक लाभ मिल रहा है।

विशेषज्ञों का मानना है कि बेहतर संरक्षण उपाय, जलाशयों की देखरेख और शिकार पर नियंत्रण ने ताड़ोबा को प्रवासी पक्षियों के लिए एक सुरक्षित और आकर्षक स्थल बना दिया है। इस क्षेत्र में देखे गए पक्षियों में इसाबेलिन व्हीटियर, ब्लैक हेडेड कुक्कू शिर्के, नॉर्दर्न शॉवेलर, ब्राउन हेडेड गल, ब्लैक टेल्ड गॉडविट, पेरेग्रीन फाल्कन, रेड नेकेड फाल्कन, यूरेशियन हॉबी, रूडी शेल्डक, वॉटरकॉक, ग्रेलैग गूज, चेस्टनट हेडेड बी ईटर, ब्लैक काइट, ईस्टर्न ऑर्फ़ियन वार्बलर, बार हेडेड गूज, स्ट्रिअटैड ग्रासबर्ड और अन्य दुर्लभ प्रजातियां शामिल हैं।

यह स्थान 300 से अधिक पक्षी प्रजातियों का घर है, जो इसे प्रकृति प्रेमियों और शोधकर्ताओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बनाता है। यहां विविध पक्षियों की उपस्थिति न केवल जैव विविधता को दर्शाती है, बल्कि पक्षी विज्ञान और पर्यावरण अध्ययन के लिए भी महत्वपूर्ण है। इस क्षेत्र में पक्षियों की गतिविधियों को देखने और उनका अध्ययन करने के लिए देश-विदेश से प्रकृति प्रेमी और शोधकर्ता बड़ी संख्या में आते हैं।

बर्ड वॉचिंग को नई पहचान देने स्थानीय स्तर पर प्रयास : ताड़ोबा में बर्ड वॉचिंग को बढ़ावा देने में स्थानीय पक्षी मित्रों और संरक्षणवादियों की अहम भूमिका रही है। इसमें अतुल धामनकर, रितेश बदकी, रामराव नेहारे, मोहम्मद सुलेमान बेग, सुमेधबौधी वाघमारे, विपुल ढवळे, अजय पोद्दार, पुणेकर, शबाज़ शेख, चित्रा इंगोले, आशीष त्रिपुरवार, प्रवीण गराटे और चंद्रपुर शहर के प्रसिद्ध बर्डर डॉ. हर्षल मथाले और उनके सहयोगियों का विशेष योगदान रहा है।

ताड़ोबा का नया मॉडल : बर्ड वॉचिंग के माध्यम से ताड़ोबा न केवल वन्यजीव संरक्षण को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि स्थायी पर्यटन और पर्यावरण शिक्षा के लिए एक आदर्श मॉडल के रूप में उभर रहा है। यह पहल संरक्षण के साथ-साथ पर्यावरण जागरूकता बढ़ाने का भी बेहतरीन उदाहरण है। ताडोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व अब प्रकृति प्रेमियों और संरक्षणवादियों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल बन गया है, जो प्रवासी पक्षियों के लिए एक सुरक्षित और समृद्ध वातावरण प्रदान करता है।

Created On :   25 Jan 2025 3:51 PM IST

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