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Chandrapur News: ताड़ोबा अंधारी बाघ परियोजना 5 वर्ष में 15 लाख से अधिक पर्यटकों ने किया दीदार

- 50 पर्यटन स्थल विकास योजना में ताड़ोबा को शामिल करने की मांग
- पांच साल में 15 लाख 58 हजार 167 पर्यटक ताड़ोबा के जंगल पहुंचे
Chandrapur News जैवविविधता तथा निसर्ग पर्यटन से संपन्न ताड़ोबा अंधारी बाघ परियोजना बाघों का घर कहा जाता है। यही वजह है कि बाघ समेत अन्य वन्यजीवों का दीदार करने के वर्ष 2019-20 से अबतक 15 लाख 58 हजार 167 पर्यटक ताड़ोबा के जंगल पहुंचे। इसमें 1538984 भारतीय पर्यटक तो 19183 विदेशी पर्यटक हैं। ऐसे में विश्व प्रसिद्ध ताड़ोबा का विकास राष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में करने की मांग को लेकर पूर्व ताड़ोबा अंधारी बाघ परियोजनावनमंत्री तथा विधायक सुधीर मुनगंटीवार ने केंद्र सरकार को ज्ञापन भेजा है।
केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत को भेजे पत्र में बताया कि, वित्तमंत्री ने 1 फरवरी को केंद्रीय बजट के दौरान पर्यटन विकास के संदर्भ में संकल्प रखते हुए देश के 50 पर्यटन स्थलों का विकास करने की घोषणा की। ऐसे में महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले में स्थित ताड़ोबा अंधारी बाघ परियोजना इस जैवविविधता तथा निसर्ग पर्यटन से संपन्न विश्वविख्यात पर्यटनस्थल का समावेश इन 50 पर्यटन स्थलों में करें। उन्हांेने बताया कि, भारत देश तथा महाराष्ट्र राज्य में सर्वाधित बाघ की संख्या चंद्रपुर जिले में हंै। विविध वनस्पतियों के साथ यहां दुर्लभ पक्षी भी पाए जाते हैं। इस जिले को संपन्न ऐतिहासिक धरोहर हैं।
गोंडकालीन किले, तालाब, तथा स्मृतिस्थल मंदिर, ऐतिहासिक वास्तु इस जिले के वैभव में वृद्धि करते हैं। इस वजह से निसर्गप्रेमी, इतिहास अभ्यासक, पर्यावरण प्रेमी इस जिले में संपूर्ण विश्व से यहां आकर पर्यटन तथा अभ्यास करते हैं। भूगर्भशास्त्र के अभ्यासक इस भी इस जिले में आकर पर्यटन तथा अभ्यास करते हंै। ताड़ोबा अंधारी बाघ परियोजना क्षेत्र का दर्शन तथा यहां स्थित निसर्ग का आनंद लेने पर्यटक बड़ी संख्या में आते हैं।
पर्यटकों को आनंद मिले इस हेतु इन वनक्षेत्र में 22 सफारी गेट है। इसमें से 6 कोर क्षेत्र में तथा 16 बफर क्षेत्र में है। इसके साथही बोटिंग, कयाकिंग, पैदल निसर्ग भ्रमण, मचान-स्टे, पक्षी निरीक्षण, साहसी खेल, साइकिल भ्रमण, तितली उद्यान, निसर्ग निर्वाचन संकुल एवं निसर्ग शिक्षण संकुल भी यहां है। इसके अलावा पर्यावरण अनुकुल इलेक्ट्रीक वाहन का वन्यजीव सफारी में इस्तेमाल किया जाता है और भविष्य में उसे बड़ी मात्रा में बढ़ाने की कोशिश जारी है। यहां रोजगार को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। मानव-प्राणी संघर्ष कम करने हेतु एआई कैमेरा भी लगाया है।
Created On :   20 Feb 2025 2:07 PM IST