Chandrapur News: दस्तावेज व शिकायतें लेकर चंद्रपुर से रवाना हुई एसआईटी

दस्तावेज व शिकायतें लेकर चंद्रपुर से रवाना हुई एसआईटी
  • मामला शराब दुकानों के लाइसेन्स व स्थानांतरण में अनियमितता का
  • शिकायतकर्ताओं के अपने-अपने दावे

Chandrapur News चंद्रपुर जिले में शराब बंदी हटने के बाद शराब दुकानों को लाइसेन्स देने व बाहरी जिले से दुकान स्थानांतरण मामले में बड़े पैमाने पर हुई अनियमितता की जांच करने के लिए सोमवार व मंगलवार दो दिवसीय दौरे पर पहुंची एसआईटी की टीम ने संबंधित दस्तावेज व लोगों की शिकायतें लेकर बुधवार को चंद्रपुर से पुणे के लिए रवाना हो गई। एसआईटी के सूत्रों ने बताया कि, दो दिन में कुल 42 शिकायतें एसआईटी के पास आयीं हं। इसके अलावा टीम ने राज्य उत्पादन शुल्क विभाग से संबंधित फाइल्स व नियमों के दस्तावेजों की जानकारी मांगी थी। मंगलवार को राज्य उत्पादन शुल्क विभाग के चंद्रपुर अधीक्षक ने एसीबी कार्यालय में पहुंचकर दस्तावेज एसआईटी प्रमुख संदीप दीवान को सौंपे। सूत्रों ने बताया कि, एसआईटी प्रमुख संदिप दीवान व उनकी टीम बुधवार को चंद्रपुर से रवाना हुई। जबकि कुछ सदस्य जांच के लिए रुके थे। उन्होंने बताया कि, एसआईटी प्रमुख ने एसीबी से कहा है कि हमारे जाने के बाद कोई शिकायतकर्ता शिकायत लेकर आता है तो उनकी शिकायत लेकर हमें फार्वड करें।

वहीं 42 शिकायतों में व्यक्तिगत शिकायत के साथ विविध पार्टियों ने भी शिकायत की है। आप ने एसआईटी को शिकायत देकर नियमबाह्य बार व शराब दुकान पर कार्रवाई की मांग की है। लाइसेन्स देते समय नियमानुसार आवश्यक दस्तावेज, जमीन की वैधता, पार्किंग व्यवस्था, धार्मिक स्थल से अंतर आदि विषयों की अनदेखी कर केवल आर्थिक व्यवहार पर आधारित लाइसेन्स मंजूर करने का आरोप भी लगाया है। जानकारों का कहना है कि, इतने शिकायतों के बाद एसआईटी ने संपूर्ण तत्थ्यों के साथ सरकार को रिपोर्ट सौंपनी चाहिए और सरकार ने उचित कार्रवाई करनी चाहिए। तब जाकर एसआईटी गठन का मतलब होगा अन्यथा महज दिखावा साबित होगा।

सबूतों के साथ 177 पन्नों की शिकायत : जनविकास सेना के अध्यक्ष पप्पू देशमुख ने एसआईटी को 177 पेजेस की सबूतों के साथ शिकायत दी। बुधवार को पत्र-परिषद में उन्होंने बताया कि, पुराने दुकान का स्थानांतरण या नए दुकान को मंजूरी देते समय उक्त इमारत अथवा दुकान निर्माणकार्य अधिकृत होना आवश्यक है। मंजूरी देने के पहले सक्षम अधिकारी की रिपोर्ट होना आवश्यक है परंतु चंद्रपुर मनपा क्षेत्र में एक भी दुकान के लिए इस तरह की रिपोर्ट नहीं ली गई। शिकायत के बाद मनपा के तत्कालीन आयुक्त ने उत्पादन शुल्क विभाग को पत्र भी दिया था।

शहर के विविध शराब दुकानों को मंजुरी देते समय खामियों को नजरअंदाज किया गया। कई विभागों ने साठगांठ करके अपनी गलत रिपोर्ट दी। लाइसेन्स व स्थानांतरन करते समय 18 से 20 करोड़ का लेनदेन होकर इसमें राजस्व विभाग, पुलिस विभाग व राज्य उत्पादन शुल्क विभाग के अधिकारी, कर्मचारी शामिल होने का आरोप 5 जुलाई 2022 को लगाया था। उसके बाद 10 नवंबर 2022 को एसीबी ने मेरा बयान लेकर सबूतों के साथ वरिष्ठ को भेजा था, ऐसा भी देशमुख ने बताया। उन्होंेने कहा कि, अनियमितता मामले में किसी को शिकायत करनी है तो वह कभी एसीबी कार्यालय में कर सकते है, तारीख की मर्यादा नही है।


Created On :   10 April 2025 1:50 PM IST

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