Chandrapur News: नोटिस देने पर भी नहीं माने व्यापारी तो अतिक्रमण पर चलाया बुलडोजर

नोटिस देने पर भी नहीं माने व्यापारी तो अतिक्रमण पर चलाया बुलडोजर
  • नगर परिषद ने शुरू की कार्रवाई
  • दुकान के सामने लगे शेड बुलडोजर से हटाए

Chandrapur News शहर के मुख्य मार्ग पर बढ़ रहे अतिक्रमण हटाने की मुहिम मूल नगर परिषद द्वारा चलाई जा रही है। सोमनाथ रोड पर कई व्यावसायिकों ने दुकानों के सामने शेड बनाकर अतिक्रमण कर लिया है। इसी बात को लेकर मुख्याधिकारी संदीप दोडे के नेतृत्व में सोमनाथ रोड पर हुए अतिक्रमण कार्यालयीन अधीक्षक विनोद येनुरकर, नगर रचनाकार स्वप्निल रोकड़े, बिजली विभाग के शशांक डांगे, निर्माण विभाग के राजू पुद्धटवार, आदि के सहयोग से हटाया जा रहा हैं, जिसमें दुकानों के सामने लगाए शेड बुलडोजर द्वारा निकाले गए ।

महाराष्ट्र नगर परिषद औद्योगिक नागरी कानून 1965 की धारा 179 के तहत उक्त कारवाई की गई है। कहा गया कि, 4 -5 दिन पूर्व सभी अतिक्रमणधारियों को नगर प्रशासन द्वारा सूचना दी गई थी। लेकिन इस संबंध में व्यापारियों के ध्यान न देने के कारण आखिरकार अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई। यह मुहिम जारी रहेगी, ऐसा बताया गया है। कहा जाता है कि, इसके पूर्व भी अतिक्रमण हटाने की मुहिम चलायी गई थी, लेकिन व्यापारियों ने कुछ दिनों के बाद उसी प्रकार की स्थिति बनाये रखी। इसलिए बार-बार अतिक्रमण न बढ़े, जिसके लिए नगर परिषद द्वारा ध्यान देना जरूरी है। अतिक्रमण के चलते सड़क संकरी होने से यातायात में परेशानी होती है,जिससे दुर्घटना होने की आशंका भी बनी रहती है।

फर्जी सातबारह के आधार पर की धोखाधड़ी : दूसरे के नाम की खेती स्वयं के नाम पर और उसका फर्जी सातबारा दिखाकर 8 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने वाले आनंद रायपुरे के खिलाफ कार्रवाई की शिकायत पीड़ित गितीन पाटील ने रामनगर थाने में 21 फरवरी को दर्ज करायी है। यहां के सिस्टर कॉलोनी के ध्वनि अपार्टमेंट निवासी गितीन किशोर पाटील (30) ने बताया कि उसके पिता वेकोलि वणी क्षेत्र से वर्ष 2015 में सेवानिवृत्त हुए उसकी शिक्षा पूरी होने से वह नौकरी की तलाश कर रहा था।

उसके पिता ने उसके नाम पर खेती लेने का विचार बनाया था। इस दौरान उसकी परिचित निर्मला तेरे ने बताया कि दुर्गापुर निवासी आनंद देवानंद रायपुरे के खेत है और वह बेचना चाहता हैं। निर्मला के जरिये हुई पहचान की वजह से 5 दिसंबर 2015 को आनंद रायपुरे उसके घर पर आया और नागपुर जिला त. भिवापुर के बोलगांव (पिरवा) में भूमापन क्रं. 143 हेक्टेयर आर 3.16 भोगवट श्रेणी 1 खाते क्रं. 63 की खेती उसके नाम पर है और बेचना चाहता हैं। रायुपरे ने उसका सातबारा दिखाया जो उसके नाम पर था। इसलिए 10 फरवरी 2015 को पिरवा गांव, गोगुल माइन के पास पहुंचे और वहां की दो एकड़ खेती दिखाई।

रायपुरे ने बताया कि यह खेती कुछ दिनों में वेकोलि अधिग्रहित करने वाली है। इस पर वह स्वयं खेती करता है इसे 12 लाख में बेचना चाहता है। 11 दिसंबर को रायपुरे को गितीन के पिता ने अपने घर बुलाया और वहां पर 50 हजार रुपये टोकन राशि दी। उसने सुहाना इस्टेट इन्वेंटमेंट एंड फाइनंस को. चंद्रपुर नाम की रसीद देकर करारनामा लिखकर नोटरी करायी। 25 फरवरी 2016 को आनंद रायपुरे उनके घर आया तो उसे 7.50 लाख रुपये दिये और एम.जी. आम्बाडे के ऑफिस में जाकर नोटरी करायी। इसके बाद रायपुरे को बार बार जमीन नाम पर करने फोन करने पर टालमटोल करता रहा। रायपुरे ने गितीन के पिता को बताया कि वेकोलि कार्यालय ने कुछ दस्तावेज मांगे हैं। उनकी जांच के लिए अधीक्षक अभियंता कोयला खान मंडल नागपुर द्वारा संचालक महाराष्ट्र राज्य तंत्रशिक्षण मंडल मुंबई को लिखा पत्र था। इसके बाद रायपुरे को बार बार जमीन नाम पर करने को कहने पर टालमटोल करता रहा।

अंत में 2020 में गितीन स्वयं आनंद रायपुरे को दिये दस्तावेज लेकर वेकोलि ऑफिस सेमिनार हिल्स नागपुर गया और वहां पर पूछताछ की तो पता चला की आनंद रायपुरे द्वारा दिये पत्र नकली हैं। इस संबंध में रायपुरे से पूछा तो उसने अपने घर पर आकर मिलने को कहा। बार बार फोन करने के बाद 2023 में उसने एचडीएफसी बैंक के 2-2 लाख के 2 और एक-एक लाख के 4 चेक दिये। गितीन ने एक महीने बाद चेक जमा किये किंतु चेक बाऊंस हो गये। उसने आनंद रायपुरे से मिलने का प्रयास किया। किंतु वह ना ही मिला और ना ही फोन उठा रहा इसलिए पीड़ित गितीन ने आज 21 फरवरी को रामनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज करायी है। इस आधार पर पुलिस ने आरोपी आनंद रायपुरे के खिलाफ धारा 318 (4) के तहत मामला पंजीबध्द किया हैं। मामले की जांच पीएसआई नंदकिशोर खेकाडे कर रहे हैं।

Created On :   22 Feb 2025 4:16 PM IST

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