Chandrapur News: इधर प्रकल्पग्रस्त 10 गांवों को लेकर चल रही चर्चा,उधर पुलिस सुरक्षा के बीच काम शुरू

इधर प्रकल्पग्रस्त 10 गांवों को लेकर चल रही चर्चा,उधर पुलिस सुरक्षा के बीच काम शुरू
  • किसानों ने दी सामूहिक आत्मदाह की चेतावनी
  • विरोध को रोकने प्रकल्प पीड़ितों को हिरासत में लिया
  • मौके पर पहुंचे विधायक अडबाले ने दिए काम बंद करने के निर्देश

Chandrapur News एक ओर निप्पॉन डेनरो परियोजना के लिए अधिग्रहित भद्रावती तहसील के मौजा विजासन, रुयाड (रीठ), पिपरी (देश), टोला, चारगांव, लोनार (रीठ), तेलवासा, कुनाड़ा, चिरादेवी और ढोरवासा गांव के प्रकल्पग्रस्तों के प्रश्नों पर चर्चा चल रही है, तो दूसरी ओर सोमवार 17 फरवरी को एक निजी कंपनी ने पुलिस सुरक्षा का उपयोग करते हुए काम शुरू कर दिया। स्थानीय पुलिस प्रशासन ने परियोजना पीड़ितों के विरोध को रोकने के लिए चार प्रकल्प पीड़ितों को को हिरासत में लिया था।

जब शिक्षक विधायक सुधाकर अड़बाले को घटना की जानकारी मिली, तो वे तुरंत पुलिस स्टेशन पहुंचे, हिरासत में लिए गए परियोजना पीड़ितों को बाहर निकाला और कंपनी के संचालन को काम बंद करने के निर्देश देते हुए घटनास्थल पर गए। इस घटना ने परियोजना पीड़ितों के प्रति प्रशासन की दोहरी नीति को उजागर कर दिया। परियोजना प्रभावित क्षेत्रों के लिए 10 लाख रुपए प्रति एकड़ अनुदान, परियोजना प्रभावित एवं परियोजना प्रभावित गांवों के बेरोजगारों को कौशल के अनुसार रोजगार उपलब्ध कराने की मांग को लेकर विचार-विमर्श एवं बैठकें की जा रही हैं। लेकिन परियोजना पीड़ितों ने कहा है कि विश्वास में लिए बिना, उनकी मांगों को पूरा किए बिना जिला एवं तहसील प्रशासन की ओर से दोहरी नीति में पुलिस सुरक्षा में कंपनी का काम शुरू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

परिणामत: परियोजना पीड़ितों में रोष पनप रहा है और परियोजना पीड़ितों ने चेतावनी दी है कि यदि भविष्य में कानून व्यवस्था भंग होने की स्थिति निर्माण हुई तो इसके लिए जिला व तहसील राज्स्व एवं पुलिस प्रशासन पूरी तरह जिम्मेदार होगा। साथ परियोजना पीड़ितों ने चेतावनी दी है कि यदि कंपनी ने काम पुनः शुरू किया तो वे सामूहिक आत्मदाह करेंगे।

उप अभियंता म.औ.वि.म. उप-विभाग, चंद्रपुर कार्यालय, चंद्रपुर महाराष्ट्र औद्योगिक विकास महामंडल ने भद्रावती औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया है। तहसील में निप्पॉन डेनरो परियोजना के लिए 28 साल पहले अधिग्रहित मौजा विजासन, रुयाल, पिपरी, चारगांव, लोनार, तेलवासा, ढोरवासा, चिरादेवी, गवराला की जमीनें महाराष्ट्र औद्योगिक विकास महामंडल द्वारा अधिग्रहित कर ली गई हैं। यह भूमि क. बी-01 क्षेत्र 43,000 वर्ग मीटर मेसर्स ग्रेटा एनर्जी लिमिटेड भूमि क. को और बी-3 क्षेत्र 6374800 वर्ग मीटर मेसर्स न्यू इरा क्लीनटेक सॉल्यूशंस प्रा. लिमिटेड वितरित की गई, साथ ही उक्त भूमि के लिए राशि का भुगतान कंपनी ने कर दिया है।

साथ ही इन जमीनों पर किया अतिक्रमण अतिक्रमण हटाकर कंपनी को सौंपने के लिए 17 फरवर को पुलिस सुरक्षा में काम शुरू किया गया। इसके लिए पुलिस प्रशासन डंडे और हेलमेट लेकर पहुंचा। परियोजना प्रभावित लोगों के किसी भी विरोध को रोकने के लिए, प्रकल्प पीड़ित वासुदेव ठाकरे, प्रवीण सातपुते, संदीप खुटेमाटे और आकाश जुनघरे को साेमवार सुबह से स्थानीय पुलिस में हिरासत में रखा था। यदि विधायक सुधाकर अड़बाले समय पर नहीं पहुंचते तो प्रशासन और कंपनी अपनी साजिश में सफल हो जाते। लेकिन विधायक अड़बाले के दबाव से कंपनी को काम रोकना पड़ा।

इस अवसर पर बड़ी संख्या में परियोजना प्रभावित लोग और ग्रामीण उपस्थित थे। दौरान विधायक सुधाकर अडबाले की कंपनी के प्रबंधक व उपविभागीय अधिकारी से चर्चा हुई। किसानों सहित आगे की बैठक व मांगे पूर्ण होने तक काम शुरू न करने की बात कही।

Created On :   18 Feb 2025 2:10 PM IST

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