Chandrapur News: गोंडवाना विद्यापीठ : गरीब विद्यार्थियों की फीस के फंड में हो रही लूट

गोंडवाना विद्यापीठ : गरीब विद्यार्थियों की फीस के फंड में हो रही लूट
  • राज्यपाल व उच्च शिक्षा विभाग से उच्च स्तरीय जांच की मांग
  • मनमानी से कामकाज करने का आरोप

Chandrapur News गोंडवाना विद्यापीठ में विद्यार्थियों के शैक्षणिक गुणवत्ता बढ़ाने की दृष्टि से काम करने के बजाय विद्यार्थियों से जमा किए गए फीस से तैयार हुए सामान्य फंड की आर्थिक लूट धड़ल्ले से विद्यापीठ में शुरू है। कुलगुरु नियमों को दरकिनार कर मनमर्जी से कामकाज कर रहे हैं, ऐसा आरोप गोंडवाना विद्यापीठ के सीनेट सदस्य डा.दिलीप चौधरी और प्रा.नीलेश बेलखेडे ने मंगलवार को आयोजित पत्र-परिषद में लगाया। उन्होंने बताया कि, कुलगुरु डा.प्रशांत बोकारे के लिए विद्यापीठ की इनोवा व वरना यह दो वाहन होने के बावजूद 1 अप्रैल 2024 से नई इनोवा वाहन किराये पर लिया है। इस वाहन का सिर्फ मासिक किराया ही 83 हजार 500 रुपए है। पुराने इनोवा वाहन पर देखभाल खर्च ज्यादा होने का कारण बताकर नया वाहन किराये पर लिया है। 2023-24 की आर्थिक वर्ष के विद्यापीठ की ऑडिट रिपोर्ट देखने पर पता चला कि, विद्यापीठ के 6 कुल वाहनों पर देखभाल का खर्च 5 लाख 70 हजार 623 रुपए है।

कुलगुरु के वाहन के देखभाल का खर्च एक से डेढ़ लाख रुपए है। यह पैसे बचाने के लिए वर्ष को 10 लाख रुपए खर्च कर किराये पर वाहन लिया गया। इस मामले की राज्यपाल व उच्च शिक्षा विभाग ने उच्च स्तरीय जांच करनी आवश्यक है। सीनेट सदस्यों के प्रश्नों को कुलगुरु दरकिनार कर रहे हंै। प्रा.बेलखेडे ने कहा कि, विद्यापीठ परिसर में छत्रपति शिवाजी महाराज का पुतला बनाकर परिसर को महाराज का नाम देने का प्रस्ताव विद्यापीठ को भेजा था परंतु विद्यापीठ ने किसी परिसर को नाम देने के लिए एक समिति होने का कारण बताकर प्रस्ताव लेने से इनकार किया। हाल ही में हुए अश्वमेध राज्यस्तरीय क्रीड़ा स्पर्धा में अनियमिततता हुई। टेंडर प्रोसेस नियमों को दरकिनार कर किए गए। यह सभी मुद्दे 12 मार्च की सभा में कुलगुरु व विद्यापीठ प्रशासन को पुछे जाएंगे। सीनेट के सदस्यों के जवाब देने टालमटोल किया तो कुलगुरु हटाओ के लिए सड़क पर उतरकर आंदोलन करने की चेतावनी भी उन्होंने दी।

विद्यार्थियों से फीस वसूलकर जहां-वहां बेछूट खर्च, जांच समितियां भी नाममात्र : सीनेट सदस्य डा.चौधरी ने बताया कि, विद्यापीठ संबंधित 3 विषयों की जांच अधर में है। वर्ष 2023 में गोंडवाना विद्यापीठ का दीक्षांत समारोह के आयोजन में एक करोड़ 9 लाख रुपए खर्च किए गए। खर्च की जांच की मांग उठी तो एक समिति गठित की गई। लेकिन समिति की एक भी बैठक नहीं हुई। 30 प्राध्यापकों की भर्ती में अनियमितता हुई है। मंजूरी नहीं मिलने से जनरल फंड से 1 करोड़ 89 लाख रुपए वेतन दिया गया। इस मामले की जांच हेतु समिति बनी लेकिन उसका भी कुछ नहीं हुआ। जिन लोगों ने इंटव्यू लिए थे, वही लोग समिति में हैं। क्रीड़ा मैदान के विषय पर बनी समिति पर आगे क्या हुआ कुछ पता नहीं है। कुलगुरु समेत तीन लोग विदेश दौरे पर गए थे। क्यों गए थे? इसकी जानकारी नहीं दी गई। जहां गांव, वहां विद्यापीठ उपक्रम शुरू किया। जिसकी शिक्षा छूटी या जो विद्यालय जा नहीं पाते हंै, ऐसे करीब 97 विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए 9 लाख रुपए खर्च कर दिए। यहां बताया कि, प्रवेश प्रक्रिया होने के बाद आधे शैक्षणिक सत्र में 40 से 50 प्रतिशत फीस बढ़ाई गई। अब विद्यार्थियों को बकाया फीस भरने के लिए बोला जा रहा है अन्यथा परीक्षा में नहीं बैठ सकते, ऐसी धमकी दी जा रही है।

Created On :   12 March 2025 4:10 PM IST

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