Chandrapur News: चंद्रपुर में रानी हीराई के प्रेम और समर्पण को किया याद

चंद्रपुर में रानी हीराई के प्रेम और समर्पण को किया याद
  • गोंडराजे बीरशाहा और रानी हीराई के स्मारक पर की पुष्पांजलि अर्पित
  • ‘सलाम रानी हीराई' कार्यक्रम का आयोजन

Chandrapur News गोंडाराजे बीरशाहा और रानी हीराई के प्रेम और समर्पण को याद करते हुए वैलेंटाइन डे पर सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने उनके स्मारक पर जाकर पुष्पांजलि अर्पित की। इको-प्रो संस्था और एफईएस कॉलेज के सहयोग सेे ‘सलाम रानी हीराई' कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसके माध्यम से युवाओं को वेलेंटाइन डे के अवसर पर क्षणिक प्रेम के पीछे भागने की बजाय अपने रिश्तों को बढ़ाने के लिए प्रेरित करने के लिए यह पहल की गई। यह कार्यक्रम हर साल गोंडराजे बीरशाहा और रानी हीराई की समाधि स्थल पर आयोजित किया जाता है।

कहते हैं कि, रानी हीराई ने अपने पति की मृत्यु के बाद इस समाधि का निर्माण कराया था। उन्होंने अपने पति के प्रति प्रेम का इजहार ताजमहल जैसी प्रतिकृति के रूप में एक सुंदर और आकर्षक विरासत का निर्माण किया। ताजमहल की तरह रानी हीराई ने पहले भी एक ही पत्थर से इसकी प्रतिकृति बनवाई थी, जो आज भी केंद्रीय संग्रहालय, नागपुर में सुरक्षित है। उन्होंने राज्य के मामलों का सफलतापूर्वक प्रबंधन किया और कई विकास कार्य किये। आज की युवा पीढ़ी को रानी हीराई के इस आदर्श को अपनाने की जरूरत है। चंद्रपुर शहर में स्थित यह प्राचीन संरचना हमारी ऐतिहासिक धरोहर है। रानी हीराई ने अपने कार्यों के माध्यम से गोंडराजे बीरशाहा और रानी हीराई के बीच प्रेम को अमर कर दिया। ऐसे विचार प्राध्यापकों ने व्यक्त किए। "रानी हीराई और राजा बीरशाहा का प्रेम अमर है। वे अपने कार्यों के माध्यम से जीवित रहेंगे, ऐसा इको-प्रो के बंडू धोत्रे ने कहा।

उन्होंने कहा कि, आज के युवाओं को ऐसे स्थानों पर जाकर उनसे प्रेरणा लेने की आवश्यकता है। प्रस्तावना तथा संचालन प्रा.डॉ.राजेंद्र बारसागडे ने तथा आभार प्रदर्शन प्रा. डॉ. मेघमाला मेश्राम ने किया। सलाम रानी हीराई कार्यक्रम की अध्यक्षता बंडू धोतरे ने की। इस अवसर पर प्रभारी प्राचार्य डॉ. राजेश चिमनकर, प्रा. डाॅ करुणा करकाडे, प्रा.उमक ने मार्गदर्शन किया। कार्यक्रम में प्राध्यापकों के साथ इको-प्रो के सदस्य तथा सैकड़ों छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। सफलतार्थ राजू काहिलकर, सुनील पाटील, सचिन धोतरे, सनी दुर्गे, चित्राक्ष धोतरे आदि ने सहयोग किया।



Created On :   15 Feb 2025 5:06 PM IST

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