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Chandrapur News: अब शाला का संचालन भी करेगी अदानी, घुग्घुस की माउंट कार्मेल स्कूल हस्तांतरित
- शालेय शिक्षा व क्रीड़ा विभाग ने निकाला परिपत्रक
- अदानी समूह अब शाला का मैनेजमेन्ट भी देखेगा
- नियम-शर्तों में बदलाव नहीं होगा
Chandrapur News विविध क्षेत्र में कदम रखनेवाले अदानी समूह अब शाला का मैनेजमेन्ट भी देखेगा। कार्मेल एजुकेशन सोसाइटी घुग्घुस द्वारा संचालित माउंंट कार्मेल कान्वेंट उच्च माध्यमिक शाला का प्रबंधन अदानी फाउंडेशन अहमदाबाद संस्था को हस्तांतरित किया है। इस संबंध में शालेय शिक्षा व क्रीड़ा विभाग ने 27 सितंबर को परिपत्रक भी जारी किया है।
गौरतलब है कि, घुग्घुस परिसर की माउंंट कार्मेल कान्वेंट उच्च माध्यमिक इस अंग्रेजी माध्यम की शाला में कक्षा पहली से 12वीं तक बच्चे पढ़ते हैं। इस शाला को अदानी फाउंडेशन की ओर हस्तांतरित करने संबंध में पत्र शिक्षा विभाग को मिला था। यह प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन था। ऐसे में अब शाला का मैनेजमेन्ट अदानी फाउंंडेशन की ओर हस्तांतरित करने के लिए नियम-शर्तों के साथ मंजूरी देने का निर्णय सरकार ने लिया है। विद्यार्थी संख्या की शर्त किसी भी कारण पर शिथिल नहीं होगी। साथ ही नियम-शर्तों में बदलाव नहीं होगा। शाला में कार्यरत, शिक्षक, कर्मचारियों का संपूर्ण दायित्व फाउंंडेशन पर रहेगा। सरकार के संपूर्ण नियम का पालन करना संस्था के लिए जरूरी होगा। उक्त प्रबंधन बदलाव संबंध में सरकार अथवा शिक्षा विभाग द्वारा शिकायतंे आए तथा नियम-शर्तों का उल्लंघन होने पर हस्तांतरित करने का अधिकार सरकार के पास रहेगा, ऐसा भी राज्य के अवर सचिव प्रवीण मुंढे ने परिपत्रक में कहा है। बता दें कि, इस शाला को 50 साल से अधिक हो चुके हैं, जो एसीसी कंपनी अंतर्गत चलती थी। अब एसीसी सीमेंट कंपनी को अदानी समूह ने टेकओवर कर लिया है।
राज्य में गरमाया मुद्दा, विपक्ष नेता-शिक्षा मंत्री ने क्या कहा : अदानी समूह को शाला हस्तांतरित करने का मुद्दा राज्य में गरमाने लगा है। सरकार विपक्ष के निशाने पर आयी है। सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा जारी किया गया परिपत्रक सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए विधान परिषद के विपक्ष नेता अंबादास दानवे ने सरकार पर कड़ी टिप्पणी की है।
उन्होंने कहा कि, महाराष्ट्र पर अब अदानी समूह के हाथ से बाराखड़ी (वर्णमाला) लिखने की नौबत आ गई है। जमीन, उद्योग कम हुए थे, अब शाला भी सरकार ने अदानी को दी है। तो दूसरी ओर शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने इसमें गलत क्या है, ऐसा कहते हुए मीडिया के सामने इस निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि, अनेक उद्योग समूह ने शालाओं को मदद करे, ऐसी अपेक्षा है। शाला दत्तक योजना में हम प्रबंधन हस्तांतरित नहीं करते। सिर्फ उसमें सुधार करते हंै। किसी भी संस्था ने शाला मांगी तो हम देते हंै। बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए कोई उद्योग खर्चा उठाता है तो उसमें गलत नहीं लगता। शालाओं का पाठ्यक्रम शिक्षा विभाग ही तय करता है।
स्कूल एसीसी कंपनी की थी : स्कूल एसीसी कंपनी की ही थी। अब एसीसी कंपनी को अदानी समूह ने टेकओवर किया है। इसलिए स्कलू का मैनजमेंट भी अदानी फाउंंडेशन देखेगा। यह कंपनी की पॉलिसी है। किसी से जबरदस्ती स्कूल नहीं ली गई, यह निजी स्कूल है। -प्रफुलकुमार पाटील, एचआर हेड, एसीसी (अदानी सीमेंट) कंपनी, घुग्घुस
Created On :   30 Sept 2024 1:52 PM IST