चुनाव: हार-जीत से नहीं चुनाव लड़ने से मतलब, 13 उम्मीदवारों की जमानत हुई जब्त

हार-जीत से नहीं चुनाव लड़ने से मतलब, 13 उम्मीदवारों की जमानत हुई जब्त
  • चंद्रपुर संसदीय सीट से कुल 15 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई
  • भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों को छोड़ शेष की जमानत जब्त
  • वंचित बहुजन आघाड़ी का प्रदर्शन में खराब

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। लोकतंत्र के महापर्व लोकसभा चुनाव के लिए चंद्रपुर संसदीय सीट से कुल 15 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई लेकिन कांग्रेस की विजयी उम्मीदवार प्रतिभा सुरेश धानोरकर और भाजपा के सुधीर मुनगंटीवार के अलावा कोई भी उम्मीदवार अपनी जमानत तक नहीं बचा सका है। इसके बाजवूद प्रतिवर्ष चुनावी समर में किस्मत अजमाने वालों की संख्या बढ़ती जाती है। इन उम्मीदवारों का मुख्य उद्देश्य चुनाव रुपी ओलोपिंक में हिस्सा लेकर पदक (जीत) प्राप्त करने का कोई उद्देश्य नहीं होता है। बल्कि यह लोग मात्र चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतरते हैं। राष्ट्रपति, लोकसभा, विधानसभा, स्थानीय स्वराज्य संस्था चुनाव के लिए हर उम्मीदवार को निर्धारित राशि निर्वाचन आयोग के पास जमानत के रूप में जमा करनी पड़ती है।

इस राशि को ही जमानत राशि कहा जाता है। कुल मतदान का छठा हिस्सा अर्थात 1/6 वोट हासिल करने वालों की जमानत राशि बच जाती है और इससे कम वोट प्राप्त करने पर जमानत जब्त हो जाती है लेकिन चंद्रपुर संसदीय सीट के लिए कुल 10,12,942 मतदाताओं ने मतदान किया। इस औसत से जमानत बचाने के लिए उम्मीदवार को 1,68,824 वोट हासिल करना आवश्यक था किंतु चुनाव मैदान में उतरे कांग्रेस और भाजपा उम्मीदवारों के अलावा अन्य सभी 13 उम्मीदवार 25 हजार वोटों के आंकड़े को भी नहीं छू सके और इन सभी 13 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई है। चुनाव में दो उम्मीदवार के अलावा वंचित बहुजन आघाड़ी के राजेश वारलू बेले ने 21,934 और राजेंद्र रामटेके ने 9,145 वोट हासिल किए है। बाकी अन्य सभी उम्मीदवार इनसे कम वोट हासिल कर सके हंै।

मंत्रियों को पछड़ाने का धानोरकर परिवार का रिकार्ड कायम : धानोरकर परिवार ने विधानसभा और लोकसभा चुनाव में दिग्गज मंत्रियों का पराजय करके आगे बढ़े है। यह रिकार्ड विधायक प्रतिभा धानोरकर ने कायम रखा है। वर्ष 2014 के चुनाव में शिवसेना की टिकट पर स्व. बालू धानोरकर ने पूर्व मंत्री रहे भाजपा उम्मीदवार स्व.संजय देवतले को हराया था। उसके बाद 2019 में विधायकी का इस्तीफा देकर धानोरकर ने कांग्रेस की टिकट पर लोकसभा चुनाव लडकर मोदी लहर होने के बावजूद पूर्व केंद्रीय मंत्री भाजपा उम्मीदवार हंसराज अहिर को 44 हजार 763 वोटों से हराया था। साथ ही राज्य में चंद्रपुर की एकमात्र सीट कांग्रेस को मिली थी। दरम्यान पिछले वर्ष ही बालू धानोरकर का दु:खद निधन हो गया। इस बार उनकी पत्नी विधायक प्रतिभा धानोरकर लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर खड़ी थी। उनके सामने भाजपा के कद्दावर नेता व राज्य के कैबिनेट मंत्री सुधीर मुनगंटीवार खड़े थे। प्रतिभा धानोरकर ने मुनगंटीवार को ढाई लाख से अधिक वोटों से हराया। पराजय के मार्जिन का आंकड़ा राज्य में सर्वाधिक बताया जा रहा है।


Created On :   5 Jun 2024 4:52 PM IST

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