घमासान: लोकसभा चुनाव में मुनगंटीवार ने लगाई हार की हैट्रिक , जबर्दस्त शिकस्त

लोकसभा चुनाव में मुनगंटीवार ने लगाई हार की हैट्रिक , जबर्दस्त शिकस्त
  • जनता को रास नहीं आया भाजपा का विकास
  • जाति समीकरण को जोरदार झटका मुनगंटीवार को लगा
  • सवा 2 लाख से अधिक वोटों से परास्त हुए

योगेश चिंधालोरे, चंद्रपुर। 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजे अपेक्षा के विपरीत नजर आए। सारे अनुमान धराशायी हो गए। वर्ष 2019 चंद्रपुर की सीट हारने के बाद 2024 मिशन लोकसभा का प्रारंभ चंद्रपुर से करने वाली भाजपा को चंद्रपुर की सीट दोबारा गंवानी पड़ी। 2024 का चुनाव हर हाल में जीतने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाने वाली भाजपा ने अपने हुकुम का इक्का राज्य के कैबिनेट मंत्री सुधीर मुनगंटीवार को चंद्रपुर में उतारा था किंतु मुनगंटीवार कुछ खास करिश्मा नहीं दिखा पाए। उन्हें सवा दो लाख से अधिक वोटों से कांग्रेस की प्रतिभा धानोरकर ने करारी शिकस्त दी।

जानकारों का कहना है कि 10 साल में मोदी सरकार के खिलाफ निर्माण हुई विरोधी लहर और जाति समीकरण को जोरदार झटका मुनगंटीवार को लगा है। उनके विकास के दावों को भी जनता ने नकार दिया। इसके साथ ही लोकसभा चुनाव में मुनगंटीवार ने तीसरी बार हार कर हैट्रिक भी लगा दी है। इसके पहले मुनगंटीवार को भाजपा ने वर्ष 1989 व वर्ष 1991 को अपना उम्मीदवार बनाया था लेकिन दोनों चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार पोटदुखे ने उन्हें हराया था। हालांकि इस बार मुनगंटीवार को लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं थी। टिकट कटे, इसके लिए खुद प्रयासरत होने की बात उन्होंने सार्वजनिक तौर पर कही थी किंतु हाइकमान ने उन्हें ही टिकट देकर मैदान में उतारा था। उधर चुनाव घोषित होने के बाद कांग्रेस में चली खींचतान के बाद ऐन समय पर प्रतिभा धानोरकर को टिकट मिली थी। उन्हें समय भी कम मिला और कोई विशेष स्टार प्रचारकों की सभा भी नहीं हुई थी। इसके विपरीत भाजपा उम्मीदवार मुनगंटीवार की प्रचार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे दिग्गजों की चंद्रपुर में सभाएं हुईं थीं।

भाजपा के साथ कांग्रेस के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का बन गया था। यह चुनाव जनता के मूल प्रश्न छोड़ अन्य विषयों पर ही गूंजा। भाजपा उम्मीदवार सुधीर मुनगंटीवार ने खुद किए विकास और 10 साल में मोदी सरकार के कार्यकाल में हुए विकास कार्यों के भरोसे चुनाव लड़कर वोट मांगे। तो वही कांग्रेस उम्मीदवार प्रतिभा धानोरकर ने संविधान को खतरा बताकर वर्तमान सरकार हटाने के लिए वोट मांगे। साथ ही कुनबी जाति का फैक्टर भी महत्वपूर्ण रहा। चुनाव में सभी लोग कांटे की टक्कर मान रहे थे। कोई भी जीतेगा तो भी 10-20 हजार के मार्जिन से जीतने का अनुमान था किंतु मतगणना के दिन शाम तक सभी अनुमान धड़ाम हो गए और सवा 2 लाख से अधिक वोटों से धानोरकर ने मुनगंटीवार को हराया। बता दंे कि, चंद्रपुर की हॉट व वीआईपी सीट पर पूरे राज्य का ध्यान लगा था।

Created On :   5 Jun 2024 10:55 AM GMT

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