Bhandara News: जलसंधारण विभाग में 20 कर्मचारियों के भरोसे चल रहा कामकाज

जलसंधारण विभाग में 20 कर्मचारियों के भरोसे चल रहा कामकाज
  • 68 में से 48 पद पड़े हैं रिक्त
  • पर्यावरण संरक्षण और किसानों से जुड़े मुद्दे ताक पर

Bhandara News जिला जलसंधारण अधिकारी, मृद व जलसंधारण विभाग में मंजूर 68 पद में से 48 पद रिक्त हैं। विभाग का जिला जलसंधारण अधिकारी का पद भी रिक्त है। यह विभाग जमीन के जलस्तर बढ़ाने, किसानों को सिंचाई उपलब्ध कराने के लिए काम करता है। इस विभाग के माध्यम से शासन बांध बनाने, जलयुक्त शिवार समेत विविध योजनाएं चलाई जाती है। पर रिक्त पद शासन की योजनाओं को किसानों तक पहुंचाने में रोड़ा बनने लगे हैं। शासन इस विभाग में कर्मचारी भरने के प्रति गंभीर नजर नहीं आ रहा है।

जिला जलसंधारण अधिकारी, मृद व जलसंधारण विभाग के माध्यम से कृषि सिंचाई संबंधित कई काम किए जाते हैं। अब तक कृषि विभाग जलयुक्त शिवार योजना के कामों को संभाल रहा था। पर अब इसकी जिम्मेदारी भी जलसंधारण विभाग को दी गई है। जमीन का जलस्तर बढ़ाने के लिए यह विभाग काम करता है। इसी के साथ छोटे बांधों की मरम्मत की जिम्मेदारी इस विभाग पर है। ऐसे में शासन ने जिला जलसंधारण अधिकारी, मृद व जलसंधारण विभाग के लिए जिले में कुल 68 पद मंजूर किए हैं। लेकिन विभाग के आधे से अधिक यानी 48 पद रिक्त है। जिले में विभागीय कार्यालय, उपविभागीय कार्यालय, भंडारा, तुमसर व साकोली के माध्यम से काम होते है।

जिला जलसंधारन अधिकारी का रिक्त है। सहाय जिला जलसंधारन अधिकारी के तीन में से एक पद रिक्त है। वहीं जलसंधारण अधिकारी गुट- ब (राजपत्रित), (अराजपत्रित) के 21 पद में से केवल छह कर्मचारी कार्यरत है। जबकि 15 पद रिक्त है। मंडल अधिकारी जलसंधारण के तीनों के तीनों पद रिक्त पड़े हैं। इस विभाग को एक विभागिय लेखापाल मंजूर किया है। लेकिन यह पद भी खाली है। इसी के साथ कार्यालयिन अधीक्षक, वरिष्ठ सहायक (लेखा) के एक- एक मंजूर पद रिक्त है। विभाग के वरिष्ठ लिपिक के चार में से एक पद रिक्त है। कनिष्ठ लिपिक के नौ मंजूर पद में से छह रिक्त है। जबकि आरेखक, कनिष्ठ आरेखक के एक-एक तथा अनुरेखक के तीन पद रिक्त है।

वाहन चालक के मंजूर सभी चार पद रिक्त है। चपरासी के आठ में से छह पद रिक्त है। विभाग के चार मंजूर चौकीदार में से तीन पद रिक्त है। इतने पद रिक्त होने से विभाग का काम कैसे होगा? यह सवाल बना हुआ है। कार्यरत कर्मचारियों पर काम का दवाब बढ़ता जा रहा है। किसान व पर्यावरण से जुडे इस विभाग में कर्मचारियों की भर्ती के लिए शासन ने गंभीरता से फैसला लेने की आवश्यकता है।

Created On :   22 Jan 2025 12:47 PM IST

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