Bhandara News: भंडारा के डूब क्षेत्र में बन रही 200 करोड़ की जल पर्यटन योजना

भंडारा के डूब क्षेत्र में बन रही 200 करोड़ की जल पर्यटन योजना
  • दो चरणों में 200 करोड़ की लागत से हो रहा निर्माण
  • बाढ़ आते ही नदी का जलस्तर 247 मीटर के ऊपर पहुंच जाता
  • करोड़ों रुपये की बर्बादी और अनहोनी होने की आशंका बढ़ी

Bhandara News भंडारा की वैनगंगा नदी पर वैश्विक स्तर के जल पर्यटन को विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने 24 जून को भंडारा में आकर भूमिपूजन किया। दो चरणों में 200 करोड़ की लागत से हो रहे इस निर्माण कार्य को लेकर अब सवाल खड़े हो रहे हैं। बाढ़ आते ही नदी का जलस्तर 247 मीटर के ऊपर पहुंच जाता है। इस वर्ष भी दो बार बाढ़ का जलस्तर इसके ऊपर गया। डूबित क्षेत्र में जल पर्यटन विकसित कर करोड़ों रुपयों की बर्बादी और अनहोनी होने की आशंका बढ़ गई है।

शहर से सटी वैनगंगा नदी के किनारे अलग अलग स्थानों पर जल पर्यटन का विकास काम किया जा रहा है। यहा पर वॉटर पार्क व एडवेंचर पार्क, चिल्ड्रन पार्क, कैफेट एरिया, बोटिंग ट्रान्सपोर्ट, चौपाटी विकसित की जा रही है। लेकिन यह सभी काम डूबित क्षेत्र में किया जा रहा है। स्थानीय नेताओं ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि गोसीखुर्द बांध का 245.50 मीटर तक जलस्तर रहने पर जहां भी पानी जाता है वहां पर किसी तरह का निर्माण करने की अनुमति नहीं है। यह जमीन विदर्भ विकास पाटबंधारे विभाग के अधिकारों में आती है।

वैनगंगा नदी में मानसून के दौरान प्रति वर्ष बाढ़ आती है। कई बार जलस्तर 247 मीटर के ऊपर तक जाता है। ऐसी स्थिति में वैनगंगा नदी के आसपास जल पर्यटन के नाम पर करोड़ों रुपयों की बर्बादी कर किसे लाभ पहुंचाया जा रहा है यह सवाल स्थानीय नेता कर रहे हैं।

ऊपर पानी जाता है तो अलग प्रावधान होंगे : वैनगंगा नदी का जलस्तर 245.50 मीटर तक रहने पर जहां तक पानी जाता है वह डूबित क्षेत्र है। पर जल पर्यटन का काम इस स्तर के ऊपर हो रहा है। बाढ़ आएगी और 247 मीटर से ऊपर पानी जाता है तो उसके लिए अलग प्रावधान होंगे। - आरएन ढोमणे, कार्यकारी अभियंता, विदर्भ विकास पाटबंधारे, वाही

Created On :   24 Oct 2024 12:49 PM GMT

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