बारिश में देरी के कारण सोयाबीन और कपास का बुआई क्षेत्र बढ़ेगा

बारिश में देरी के कारण सोयाबीन और कपास का बुआई क्षेत्र बढ़ेगा
  • किसानों ने आसमान की ओर टकटकी लगाई
  • इस बार मूंग और उड़द की नहीं होगी बुआई

डिजिटल डेस्क, अमरावती । हर वर्ष जून की दूसरे सप्ताह की शुरुआत में दस्तक देनेवाला मानसून अभी तक विदर्भ में नहीं पहुंचा। मौसम विभाग के अनुसार 25 जून के बाद मानसून के सक्रिय होने की संभावना है अौर 25 जून के बाद मानसून सक्रिय हुआ तो 10 या 15 जुलाई से किसान बुआई में जुट जाएंगे। देरी से बारिश का आगमन होने के कारण वर्तमान स्थिति में कोई भी किसान मूंग और उड़द की फसल नहीं लेगा। जबकि इस बार सोयाबीन और कपास की बुआई अधिकतर संख्या में होने की संभावना कृषि विभाग ने व्यक्त की है।

वर्तमान स्थिति में खेती की तैयारी पूर्ण कर किसान बारिश की राह देख रहा है। जून माह के शुरुआती 20 दिन बीतने पर भी मानसून ने दस्तक नहीं दी। इस वर्ष मानसून देरी से सक्रिय होगा और मानसून की पहली ही बारिश में बुआई न करने की चेतावनी भी दी गई है। विदर्भ में मानसून जून के पहले सप्ताह में पूरी तरह से सक्रिय होने के बाद 10 से 15 जुलाई के बीच किसान बुआई की शुरुआत करेंगे। इस खेती में जो किसान खरीफ में दो फसल लेना चाहते है वे सोयाबीन और उसके बाद चने की फसल बोते है और जो खरीफ में खेत की फसल लेना चाहते है वे कपास की फसल को पसंदी दर्शाते हैं। जिले में 2 लाख 55 हजार हेक्टेअर पर सोयाबीन की बुआई होने के संकेत है। वहीं 2 लाख 60 हजार हेक्टेअर पर कपास की बुआई होगी। जिले में मूंग और उड़द की फसल 10 से 20 हजार हेक्टेअर पर ली जाती है। लेकिन इस बार बारिश देरी से आने के कारण मूंग और उड़द की जगह किसान सोयाबीन अथवा फसल की बुआई लेना पसंद करेंगे। ऐसा जिला कृषि अधिकारी राहुल सातपुते का अनुमान है।

Created On :   21 Jun 2023 4:38 PM IST

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