अर्थव्यवस्था में सुस्ती और तरलता का सबसे ज्यादा संकट भारतीय वाहन उद्योग पर  

Indian auto industry faces the worst crisis of sluggishness and liquidity In the economy
अर्थव्यवस्था में सुस्ती और तरलता का सबसे ज्यादा संकट भारतीय वाहन उद्योग पर  
अर्थव्यवस्था में सुस्ती और तरलता का सबसे ज्यादा संकट भारतीय वाहन उद्योग पर  
हाईलाइट
  • आंकड़ों के अनुसार पिछले महीने कुल 16
  • 54
  • 535 वाहनों की बिक्री हुई
  • पिछले वित्त वर्ष के इसी माह में कुल 17
  • 59
  • 219 वाहनों की बिक्री हुई
  • वाहन उद्योग में जुलाई में बिक्री में छह फीसदी की गिरावट दर्ज की गई

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अर्थव्यवस्था में सुस्ती और तरलता के संकट का सबसे ज्यादा असर भारतीय वाहन उद्योग में देखा जा रहा है, जहां साल-दर-साल आधार पर जुलाई में बिक्री में छह फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशंस (एफएडीए) के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले महीने कुल 16,54,535 वाहनों की बिक्री हुई, जबकि पिछले वित्त वर्ष के इसी महीने में कुल 17,59,219 वाहनों की बिक्री हुई थी।

हालांकि, माह-दर-माह आधार पर, कुल बिक्री में पांच फीसदी की तेजी दर्ज की गई। जून में 15,81,141 वाहनों की बिक्री हुई थी। आंकड़ों से पता चलता है कि यात्री वाहनों की बिक्री में साल-दर-साल आधार पर 11 फीसदी की गिरावट आई है।

एफएडीए के अध्यक्ष अशीष हर्षराज काले ने कहा, कंज्यूमर सेंटिमेंट और मांग सभी खंडों और सभी भौगोलिक इलाकों में कमजोर बनी हुई है। जुलाई की बिक्री साल-दर-साल आधार पर नकारात्मक जोन में बनी हुई है। हालांकि मॉनसून में सुधार से कुछ सकारात्मकता लौटी है, लेकिन मांग कमजोर है।

उन्होंने कहा, जून में बारिश काफी कम हुई, इसलिए कंज्यूमर सेंटिमेंट सबसे निचले स्तर पर थी। जबकि जुलाई में अच्छी बारिश हुई, जिससे उपभोक्ताओं में भरोसा लौटा है और लंबित खरीद जुलाई में की गई। इन कारकों के बावजूद सीवी की बिक्री माह-दर-माह आधार पर भी नकारात्मक रही।

 

Created On :   20 Aug 2019 5:57 AM GMT

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