Waqf Amendment Bill: वक्फ बिल संसद में हुआ पास, कानून से लेकर नाम तक ऐसे होगा इस्तेमाल, जानें खास जानकारियां

वक्फ बिल संसद में हुआ पास, कानून से लेकर नाम तक ऐसे होगा इस्तेमाल, जानें खास जानकारियां
  • राज्यसभा में चली वक्प संशोधन विधेयक पर भारी चर्चा
  • 128 वोटों से किया गया पारित
  • बिल में हुए कई सारे बदलाव

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राज्यसभा में वक्फ संशोधन विधेयक से लेकर वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता बढ़ाने के साथ कई और जरूरी प्रावधानों पर 3 अप्रैल को चर्चा हुई है। इसके बाद ही 95 के मुकाबले में 128 मतों से मंजूरी दी गई है। इस विधेयक को लेकर सरकार ने दावा किया है कि इस वजह से ही देश के गरीब और पसमादा मुसलमानों के की स्थिति में भी काफी सुधार हो सकता है। इसके अलावा संसद में वक्फ संशोधन विधेयक और मुसलमान निरसन विधेयक को मंजूरी दे दी गई है। लोकसभा में भी 2 अप्रैल को रात 2 बजे तक चर्चा चली थी, जिसके बाद इसको पारित किया था।

वक्फ संपत्ति पर सरकार हस्तक्षेप नहीं करती है- रिजिजू

विधेयक पर काफी लंबी चर्चा हुई थी जिसका जवाब किरेन रिजिजू ने दिया था। उन्होंने कहा कि, साल 2006 में 4.9 लाख वक्फ संपत्ति देश में थीं और कुल आय मात्र 163 करोड़ रुपये की हुई थी। वहीं 2013 में बदलाव करने के बाद भी आय सिर्फ तीन करोड़ रुपये बढ़ी थी। उन्होंने कहा कि आज देश में कुल 8.72 लाख वक्फ संपत्ति हैं। विधेयक में वक्फ संपत्ति को संभालने वाले मुतवल्ली, उसके प्रशासन और उस पर निगरानी का एक प्रावधान है। रिजिजू का कहना है कि, 'किसी भी तरीके से सरकार वक्फ संपत्ति का प्रबंधन नहीं करती और उसमें हस्तक्षेप नहीं करती है।'

क्या है चैरिटी कमिश्नर का काम?

रिजिजू ने कहा है कि, विधेयक में जिस परमार्थ आयुक्त यानि चैरिटी कमिश्नर की व्यवस्था है। उसका काम सिर्फ ये देखना होगा कि वक्फ बोर्ड और उसके तहत आने वाली जमीनों का प्रबंधन ठीक तरह से हो रहा है या नहीं हो रहा है। इसके चलते ही सरकार और वक्फ बोर्ड मस्जिद के साथ किसी भी धार्मिक संस्था के किसी धार्मिक कामों में दखलअंदाजी नहीं करेंगे।

क्या होगा कानून का नया नाम?

रिजिजू ने कहा कि, इस विधेयक के पारित होने के बाद जो कानून लागू होगा, उसका नया नाम 'उम्मीद' यानि (यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट एम्पॉवरमेंट, एफिशियंसी एंड डेवलपमेंट) अधिनियम होगा। मंत्री ने ये भी बताया कि, अगर वक्फ से संबंधित कोई मामला हल हो चुका है तो ऐसे मामलों पर विधेयक के प्रावधान लागू नहीं होंगे। लेकिन अगर कोई भी मामला कोर्ट में लंबित है तो उसमें कुछ भी नहीं किया जा सकता है।

एएसआई के तहत आने वाले स्मारक अब वक्फ के नहीं

मंत्री ने आगे कहा कि, इस विधेयक को लेकर लोगों को भड़काना बंद किया जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि, राष्ट्रीय संपत्ति या भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के तहत आने वाले स्मारक या जमीन पर वक्फ का हक नहीं होगा।

किस अदालत में हो सकती है अपील?

मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि, विधेयक में अपील के अधिकार का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा है कि, अगर व्यक्ति को लगता है कि उसको वक्फ न्यायाधिकरण में न्याय नहीं मिलता है तो वो दीवानी अदालतों में अपील कर सकते हैं।

वक्फ परिषद में कौन होगा शामिल?

उन्होंने कहा है कि, केंद्रीय वक्फ परिषद में कुल 22 सदस्य मौजूद होंगे। जिसमें से चार अधिक गैर-मुस्लिम सदस्य बिल्कुल नहीं होंगे। इसमें से तीन सांसद होंगे, 10 सदस्य मुस्लिम समुदाय के होंगे, सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के दो पूर्व न्यायाधीष होंगे, राष्ट्रीय स्तर पर फेमस अधिवक्ता, अलग-अलग क्षेत्रों में ख्याति प्राप्त चार व्यक्ति होंगे, भारत सरकार के अतिरिक्त सचिव और संयुक्त सचिव होंगे। बता हें, मुस्लिम समुदाय के 10 सदस्यों में से दो महिलाएं होना भी जरूरी हैं।

राज्य वक्फ बोर्ड में कौन होगा सदस्य?

मंत्री रिजिजू ने आगे बताया कि, राज्य वक्फ बोर्ड में 11 सदस्य शामिल होंगे। इसमें तीन से ज्यादा मुस्लिम सदस्य नहीं होंगे, जिसमें से एक पदेन सदस्य होगा। बोर्ड में एक अध्यक्ष होगा, एक सांसद होगा, एक विधायक होगा, चार मुस्लिम समुदाय के सदस्य होंगे, अच्छे अनुभाव वाले दो सदस्य होंगे, बार काउंसिल का एक सदस्य होगा और राज्य सरकार संयुक्त सचिव मौजूद होगा। मुस्लिम समुदाय के चार सदस्यों में से दो महिलाएं सदस्य होंगी।

केंद्रीयकृत पोर्टल का भी होगा प्रावधान

वक्फ संस्थाओं की तरफ से वक्फ बोर्ड को दिया जाने वाला एक जरूरी योगता सात प्रतिशत से कम होकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है। विधेयक में एक केंद्रीयकृत पोर्टल का प्रावधान किया गया है, जिसके चलते वक्फ प्रबंधन का अच्छे से संचालन करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा ये भी प्रावधान है कि कम से कम पांच साल तक का प्रेक्टिसिंग मुस्लिम ही अपनी संपत्ति वक्फ कर पाएगा।

Created On :   4 April 2025 12:34 PM IST

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