बौद्ध महाबोधि मन्दिर मामला: बीएसपी चीफ मायावती ने कांग्रेस और बीजेपी पर साधा निशाना

- बौधि गया टेम्पल एक्ट 1949 को लेकर कांग्रेस की तत्कालीन सरकार पर मढ़ा आरोप
- नए वक्फ एक्ट को बताया अनुचित
- बौध भिक्षुओं व बौध धर्म के अनुयायियों को सौंपा जाये महाबोधि मंदिर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने आज बौधि गया टेम्पल एक्ट 1949 और हाल ही में बने वक्फ एक्ट का विरोध किया। यूपी की चार बार मुख्यमंत्री रहीं व पूर्व सांसद मायावती ने मीडिया को संबोधित करते हुए बीजेपी की मौजूदा केंद्र सरकार और पूर्व की कांग्रेस सरकार पर कई आरोप लगाते हुए निशाना साधा है।
बीएसपी चीफ ने मीडिया का ध्यान बौद्ध महाबोधि मन्दिर गया से सम्बन्धित बौधि गया टेम्पल एक्ट 1949 का अपने देश में व पूरी दुनिया में भी और साथ ही अभी हाल ही में संसद से पास हुये वक्फ विधेयक का भी पूरे देश में हो रहे विरोध की तरफ खींचा। इससे पहले उन्होंने 14 अप्रैल को आने वाली अंबेडकर जयंती को ध्यान में रखते हुए सबसे पहले भारतीय संविधान के मूल निर्माता व दलितों एवं अन्य उपेक्षित वर्गों के मसीहा परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। मायावती ने बसपा को बाबा साहब की विचारधारा पर चलने वाली इकलौती पार्टी बताया। अन्य दलों पर उन्होंने गुमराह करने का आरोप लगाया।
बीएसपी प्रमुख ने कहा सभी जानते है कि बिहार राज्य का बोधगया बौध तीर्थ स्थल के रूप में देश व दुनिया भर में अति विख्यात है। बोधगया में तथागत गौतम बुद्ध के पवित्र ज्ञान स्थली पर स्थापित भव्य व अति प्राचीन महाबोधि मन्दिर में सरकारी व गैर-सरकारी स्तर पर गैर-बौध धर्म के मानने वालों के बढ़ते हुए प्रभाव एवं दखल को लेकर पूरे देश व दुनिया भर के बौध भिक्षुओं व बौध अनुयायियों में भारी बेचैनी व आक्रोश व्याप्त है। तथा वे लोग इसको लेकर कांग्रेस की सरकार के दौरान् सन् 1949 में बने बोधगया मन्दिर प्रबंधन कानून में ज़रूरी परिवर्तन की माँग को लेकर शान्तिमय ढंग से काफी समय से आन्दोलित भी हैं।
मायावती ने कहा देश की आज़ादी के बाद कांग्रेस पार्टी की सरकार द्वारा बिहार में बोधगया मन्दिर प्रबंधन के सम्बंध में जो कानून बनाया गया था। तो उसमें जिलाधिकारी की अध्यक्षता में चार हिन्दू व चार बौध धर्म के मानने वाले लोगों की कमेटी बनाने का प्रावधान किया गया है, जिसे बीएसपी चीफ ने पहली नज़र में ही अनुचित, अनावश्यक व भेदभावपूर्ण ठहराया।
उन्होंने बीजेपी नेतृत्व वाली एनडीए की केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा बौध धर्म के मानने वालों की यह माँग है कि महाबोधि मन्दिर की पवित्रता को पूरी तरह से बनाए रखने तथा इसकी सही से देखभाल के लिए जरूरी है कि मन्दिर में पूजापाठ, उसकी सुरक्षा व संरक्षण आदि की पूरी जिम्मेदारी बौध भिक्षुओं व बौध धर्म के अनुयायियों को ही सौंपी जाये, बीएसपी मुखिया ने कहा वर्तमान सरकार को तत्काल इस पर उचित ध्यान देना चाहिए। मायावती ने 1949 में बने कानून को लेकर कांग्रेस पर संविधान के धर्मनिरपेक्षता के सिद्धान्तों की अनदेखी का आरोप लगाया।
बीएसपी चीफ ने इसी क्रम में आगे कहा कि नये वक्फ कानून के तहत राज्य वक्फ बोर्डों में जो नान-मुस्लिम को रखने का नया प्रावधान किया गया है वह भी प्रथम दृष्टया अनुचित प्रतीत होता है, जिसका मुस्लिम समाज में भारी विरोध भी है। इसी प्रकार के अन्य नये विवादित प्रावधानों के सुधार को भी लेकर केन्द्र सरकार अगर वक्फ कानून को फिलहाल स्थगित करते हुए उस पर समुचित पुनर्विचार करती है तो ये बेहतर होगा ।
Created On :   11 April 2025 7:43 PM IST