बिहार में विपक्षी इंडिया गंठबंधन: राजद-जदयू महंगाई, बेरोजगारी सहित 'वास्तविक मुद्दों' के साथ भाजपा का मुकाबला करेगी
- भाजपा नेता संसद के विशेष सत्र के एजेंडे को गुप्त रखा
- बिहार में विपक्षी इंडिया गंठबंधन के नेताओं का दावा
- भाजपा को लोकसभा चुनाव जीतने में मदद नहीं मिलेगी
डिजिटल डेस्क, पटना। भाजपा नेता संसद के विशेष सत्र के एजेंडे को गुप्त रख रहे हैं, वहीं बिहार में विपक्षी इंडिया गंठबंधन के नेताओं ने दावा किया कि ऐसे सत्रों से भाजपा को लोकसभा चुनाव जीतने में मदद नहीं मिलेगी।
राजद के वरिष्ठ नेता चितरंजन गगन ने दावा किया कि नरेंद्र मोदी सरकार संविधान में विश्वास नहीं करती है। जनता ने उन्हें जनादेश दिया है और वे देश को तानाशाही की तरह चलाना चाहते हैं। हम उम्मीद कर रहे हैं कि वे संसद के विशेष सत्र में 'वन नेशन, वन इलेक्शन', महिला आरक्षण पर विधेयक पारित कर सकते हैं। हालांकि, मैं यह बताना चाहता हूं कि ऐसे विधेयक शीतकालीन सत्र में पारित किये जा सकते हैं। इसके लिए किसी विशेष सत्र की जरूरत नहीं है। मुझे दृढ़ विश्वास है कि वे विशेष सत्र के दौरान अपने कुछ छिपे हुए एजेंडे को पारित करेंगे।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि हम किसी भी तरह की स्थिति का सामना करने के लिए तैयार हैं और हमारी पार्टी के नेताओं ने प्रत्येक कार्यकर्ता से जमीन पर सतर्क रहने की अपील की है। जहां तक हमारी बात है तो हम देश के बुनियादी मुद्दे उठाएंगे जो आम लोगों से जुड़े हैं। महंगाई, बेरोजगारी, राष्ट्रीय सुरक्षा, जम्मू-कश्मीर में बढ़ता आतंकवाद, मणिपुर में हिंसा, लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में चीनी घुसपैठ हमारे एजेंडे हैं, जिन्हें हम विशेष सत्र में उठाएंगे। नरेंद्र मोदी सरकार को आम लोगों से जुड़े मुद्दों से कोई लेना-देना नहीं है।
जदयू प्रवक्ता अभिषेक कुमार झा ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार जनता से जुड़े मुद्दों को उठाकर सत्ता में आई थी। साढ़े नौ साल के शासन के बाद, हमारा दृढ़ विश्वास है कि उन्हें मूल्य वृद्धि, बेरोजगारी और राष्ट्रीय सुरक्षा को संबोधित करने में कोई दिलचस्पी नहीं है। उनके लिए अब बुनियादी मुद्दे खत्म हो गए हैं और वे आजकल सनातन धर्म की बात कर रहे हैं। मैं बताना चाहता हूं कि वे नकली सनातन धर्म के बारे में बात कर रहे हैं। सनातन धर्म लोगों को उग्रवाद में शामिल होने या अन्य धर्मों के खिलाफ नफरत फैलाने के लिए नहीं कह सकता।
राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि हर बार जब संसद या विधानसभा का सत्र शुरू होता है तो सत्तारूढ़ दल का कर्तव्य होता है कि वह अन्य राजनीतिक दलों को मुद्दों की जानकारी दे। हालांकि, ऐसी चर्चा है कि वे 'वन नेशन, वन इलेक्शन' विधेयक पारित कर सकते हैं। वे विशेष सत्र के आखिरी दिन मौजूदा केंद्र सरकार को भंग कर सकते हैं और लोकसभा चुनाव में जा सकते हैं। अगले कुछ दिनों में जो भी घटनाक्रम होगा, इंडिया गठबंधन उसके लिए पूरी तरह से तैयार है और उसे संभालेगा।
उन्होंने आगे कहा कि मैं समझाना चाहता हूं कि बीजेपी इंडिया ग्रुपिंग से डरती है। पटना, बेंगलुरु और मुंबई में इंडिया गठबंधन की तीन सफल बैठकों के बाद जहां सभी विपक्षी दलों ने एकजुटता दिखाई, वे घबरा गए। इसलिए उन्होंने विशेष सत्र बुलाया है और कुछ भी कर सकते हैं। हम इसके लिए तैयार हैं।
भाजपा सनातन धर्म और सांप्रदायिकता पर आधारित मुद्दे तय करने की कोशिश कर रही है, लेकिन हमने पहले ही महंगाई, बेरोजगारी, जाति आधारित जनगणना, अडानी, मणिपुर हिंसा, किसान, राष्ट्रीय सुरक्षा आदि मुद्दे तय कर दिए हैं। हमारे नेता इन मुद्दों को संसद में उठाएंगे और हम लोकसभा चुनाव में भी मतदाताओं के सामने उनके साथ जाएंगे।
तिवारी ने कहा कि सनातन धर्म पर राजनीति देश की आम जनता को स्वीकार नहीं होगी। यह महात्मा गांधी का देश है, जहां हर धर्म और धार्मिक पुस्तक का समान सम्मान है। जिस तरह से वे सनातन धर्म को मुद्दा बनाने का प्रयास कर रहे हैं, वे सफल नहीं होंगे। कर्नाटक चुनाव इसका एक प्रमुख उदाहरण है। बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चन्द्रशेखर और प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह जैसे राजद नेताओं द्वारा धार्मिक मुद्दे उठाने के बारे में पूछे जाने पर तिवारी ने कहा कि उन्हें ऐसे बयान देने से बचना चाहिए। चंद्रशेकर ने गुरुवार को दावा किया था कि रामचरितमानस में कुछ बिंदु पोटेशियम साइनाइड की तरह हैं।
आईएएनएस
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Created On :   16 Sept 2023 4:01 PM IST