यूपी के बजट में खेती किसानी पर खासा जोर

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
बजट 2022-23 यूपी के बजट में खेती किसानी पर खासा जोर
हाईलाइट
  • यूपी के बजट में खेती किसानी पर खासा जोर

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। यूपी के बजट में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने में खेती किसानी के लिए पिटारा खोल दिया है। महात्मा बुद्ध की परिनिर्वाण स्थली कुशीनगर में महात्मा बुद्ध कृषि व प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था भी की। इसके अलावा कृषि, कृषि शिक्षा व अनुसंधान तथा गन्ना विकास व चीनी उद्योग पर सरकार की योजनाएं निम्नवत हैं। कृषि क्षेत्र के तहत वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि द मिलियन फार्मर्स स्कूल हेतु वर्ष 2023-24 में 17000 किसान पाठशालाओं का आयोजन प्रस्तावित है। नेशनल मिशन फॉर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर योजना हेतु 631 करोड़ 93 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित। नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फामिर्ंग योजना हेतु 113 करोड़ 52 लाख रुपये की व्यवस्था बजट में की गई।

कहा कि कृषकों के लिए निजी नलकूपों को रियायती दरों पर विद्युत आपूर्ति हेतु 1950 करोड़ रुपये की व्यवस्था। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना हेतु 984 करोड़ 54 लाख रुपये की व्यवस्था की गई है। सरकार ने नेशनल क्रॉप इन्श्योरेन्स योजना हेतु 753 करोड़ 70 लाख रुपये की व्यवस्था की है। उप्र मिलेट्स पुनरुद्धार कार्यक्रम के क्रियान्वयन हेतु 55 करोड़ 60 लाख रुपये की व्यवस्था की गई। बजट में पं. दीन दयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना हेतु 102 करोड़ 88 लाख रुपये की व्यवस्था। बजट में आत्मनिर्भर कृषक समन्वित योजना हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।

सरकार ने दलहन और तिलहन बीज मिनीकिट वितरण योजना हेतु 15-15 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। बजट में कृषकों के डिजिटल डाटाबेस हेतु एग्री-स्टैक योजना हेतु 02 करोड़ रुपये की व्यवस्था। उत्तर प्रदेश के लगभग 46 लाख 22 हजार गन्ना किसानों को वर्ष 2017 से अब तक 1 लाख 96 हजार करोड़ रुपए से अधिक का रिकार्ड गन्ना मूल्य भुगतान कराया गया, जो वर्ष 2012 से 2017 तक की अवधि में किये गये कुल गन्ना मूल्य भुगतान 95 हजार 125 करोड़ रुपए से 86 हजार 728 करोड़ रुपए अधिक है। गन्ना उत्पादकता में 1,00,875 टन प्रति हेक्टेयर की वृद्धि से किसानों की आय में औसतन 349 रुपये प्रति कुन्तल की दर से 34,656 रुपये प्रति हेक्टेयर की वृद्धि हुई है।

रबी विपणन वर्ष 2022-2023 में 2015 रुपये प्रति कुन्तल गेहूँ का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित था। विपणन वर्ष के दौरान 87,991 किसानों से 3.36 लाख मीट्रिक टन गेहूं का क्रय करते हुए किसानों के खातों में पी.एफ.एम.एस. पोर्टल के माध्यम से 675 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा कॉमन श्रेणी हेतु रु0 2040 तथा ग्रेड-ए हेतु रु0 2060 प्रति कुन्तल मूल्य निर्धारित किया गया है। अद्यतन 62.66 लाख मीट्रिक टन धान क्रय करते हुए सीधे किसानों के खातों में पीएफएमएस पोर्टल के माध्यम से कुल 10.30 लाख किसानों के बैंक खातों में 12 हजार करोड़ रुपए का भुगतान किया है।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत वर्ष 2022-2023 में अब तक 51,639.68 करोड़ रुपए से अधिक धनराशि डीबीटी के माध्यम से किसानों के बैंक खातों में सीधे हस्तांतरित की गयी। वित्त मंत्री ने बताया कि किसानों के निजी नलकूपों के क्षतिग्रस्त परिवर्तकों को निर्धारित समय पर बदला जा रहा है। प्रदेश के डार्क जोन में किसानों को निजी नलकूप कनेक्शन देने पर लगे प्रतिबंध को हटाने से 01 लाख किसान लाभान्वित हुये हैं। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कृषकों की आय में अभिवृद्धि हेतु कृषि शिक्षा, शोध एवं अनुसंधान पर जोर दिया। प्रदेश के 04 कृषि विश्वविद्यालयों में एग्रीटेक स्टार्टअप योजना हेतु 20 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

UP budgetने बताया कि महात्मा बुद्ध की परिनिर्वाण स्थली कुशीनगर में कृषि एवं प्रोद्योगिक विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था। बजट में कृषि विश्वविद्यालय कानपुर, अयोध्या, बांदा तथा मेरठ में अवस्थापना कार्यों हेतु लगभग 35 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, अयोध्या के अन्तर्गत कृषि महाविद्यालय (कैम्पस) आजमगढ़ में पठन- पाठन का कार्य प्रारम्भ हो चुका है। गोण्डा में कृषि महाविद्यालय(कैम्पस) की स्थापना का निर्माण कार्य प्रगति पर।

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि चीनी उद्योग, उत्तर प्रदेश का कृषि आधारित महत्वपूर्ण उद्योग है, प्रदेश के लगभग 46 लाख गन्ना किसानों के परिवार की आजीविका का मुख्य आधार है।पेराई सत्र 2021-22 में प्रदेश में 27.60 लाख हेक्टेयर में गन्ने की खेती की गई तथा 120 चीनी मिलों द्वारा 1016 लाख टन गन्ने की पेराई कर 101.98 लाख टन चीनी का उत्पादन। वर्तमान पेराई सत्र 2022-23 में 117 चीनी मिलों का संचालन हुआ है एवं इस सत्र में प्रदेश का गन्ना क्षेत्रफल 28.53 लाख हेक्टेयर है, जिससे चीनी का उत्पादन 105 लाख टन से अधिक होने का अनुमान है।

खन्ना ने बताया कि वर्तमान सरकार द्वारा कृषकों को गन्ना मूल्य भुगतान समय से सुनिश्चित कराने हेतु वर्ष 2017 से एस्क्रो अकाउंट मैकेनिज्म प्रारम्भ किया गया है। चीनी मिलों द्वारा गन्ना मूल्य मद की धनराशि के व्यावर्तन पर पूर्ण अंकुश लगा है। वित्त मंत्री ने बताया कि विगत पांच वर्षों में 27,531हेक्टेयर गन्ना खेती में ड्रिप इरीगेशन संयंत्र की स्थापना हुई है। इससे 50 प्रतिशत तक सिंचाई जल की बचत होगी।

 (आईएएनएस)

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   22 Feb 2023 10:30 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story