पूर्वोत्तर राज्यों में रोंगाली बिहू और पोइला बोइशाख की धूम

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
अगरतला पूर्वोत्तर राज्यों में रोंगाली बिहू और पोइला बोइशाख की धूम

डिजिटल डेस्क, अगरतला। पूरे पूर्वोत्तर राज्यों में बढ़ते तापमान का मुकाबला करते हुए क्षेत्र के लोगों ने शनिवार को रोंगाली बिहू और पोइला बोइशाख को पारंपरिक उत्साह के साथ मनाया। खास तौर से असम और त्रिपुरा राज्यों में पारंपरिक और नए परिधानों में महिलाओं और बच्चों सहित लाखों लोगों ने समारोह में भाग लिया।

भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों में वर्तमान में लू जैसी स्थिति देखी जा रही है, जिससे सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है, कई स्थानों पर अधिकतम तापमान 36 से 40 डिग्री सेल्सियस के बीच बना हुआ है, जो सामान्य से 5 से 6 डिग्री अधिक है। रोंगाली या बोहाग बिहू असम में सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है, क्योंकि यह असमिया नव वर्ष की शुरूआत का प्रतीक है। दो अन्य बिहु कोंगाली या कटि और भोगली या माघ क्रमश: जनवरी और अक्टूबर में मनाए जाते हैं। एक ऐतिहासिक घटना में, लगभग 11,300 बिहू कलाकारों ने गुरुवार को इतिहास रचा, जो गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्डस में दर्ज किया गया।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा सरमा ने विशाल सभा को बताया, रिकॉर्ड-ब्रेकिंग बिहू प्रदर्शन का उद्देश्य प्रसिद्ध स्वदेशी संस्कृतियों को विश्व पटल पर ले जाना था। धार्मिक बाधाओं और आर्थिक स्थिति को पार करते हुए, लोग अपने निकट और प्रिय लोगों के साथ पारंपरिक गमोसा (एक प्रथागत पैटर्न वाली लाल बॉर्डर के साथ वाइट कपड़े का टुकड़ा) सहित विभिन्न मिठाइयों और उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं। महिलाओं को पेठा (चावल केक) के अलावा विभिन्न स्वादिष्ट खाद्य पदार्थ बनाते हुए देखा गया, जबकि बाजार त्योहार मनाने के लिए कपड़ों के साथ-साथ सैकड़ों पारंपरिक और नए खाद्य पदार्थों से भरे हुए थे। पिछले कुछ दिनों के दौरान, बोहाग के पहले दिन नए कपड़े पहनने की परंपरा को चिहिन्त करने के लिए, दुकानदारों, विशेष रूप से महिलाओं, अपने पसंदीदा कपड़े और घरेलू सामान खरीदने के लिए दुकानों और बाजारों में भीड़ लगी रहती है।

इस बीच, त्रिपुरा, असम, मणिपुर और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों सहित कई कार्यक्रमों के साथ पोइला बोइशाख या बंगाली नव वर्ष भी मनाया जा रहा है। बंगाली नव वर्ष पर साझा करने के लिए लोग विशेष रूप से युवा पुरुष और महिलाएं शुभो नोबो बोरशो की शुभकामनाएं, इमेज, मैसेज, शुभकामनाएं आदान-प्रदान करते हैं। बंगाली समुदाय दोस्तों और परिवार के साथ मिलकर नए साल को बहुत धूमधाम से मनाते हैं। सपोइला बोइशाख बंगाली व्यापारिक समुदाय के लिए वित्तीय वर्ष की शुरूआत का भी प्रतीक है। व्यापारी भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं, और दुकानदार और व्यवसायी नियमित ग्राहकों को मिठाई बांटने और शुभकामनाओं का आदान-प्रदान करने के लिए आमंत्रित करते हैं।

 (आईएएनएस)

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   15 April 2023 5:00 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story