कांग्रेस छोड़ कर चले गए थे पीके, यूपी चुनाव से पहले प्रियंका गांधी ने किया प्रशांत किशोर से जुड़ा बड़ा खुलासा
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। आगामी यूपी विधानसभा चुनाव पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का पूरा फोकस है। यूपी की सत्ता में वापसी के लिए कांग्रेस पूरी ताकत झोंक रही है। बीते शुक्रवार को कांग्रेस ने लोकलुभावन चुनावी घोषणा की। जिसमें यूपी के युवाओं को खास तवज्जो दी गई। यूपी की सियासत में प्रियंका पूरी तरह से सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।
इसी बीच एक टीवी चैनल को दिए गए साक्षात्कार में प्रियंका ने प्रशांत किशोर को लेकर बड़ा खुलासा किया है। बता दें कि चुनावी घोषणा से पहले ही खबर थी कि प्रशांत किशोर कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अहम भूमिका निभाएंगे। हालांकि समय के साथ पीके का चैप्टर बंद हो गया। कांग्रेस और पीके के बीच बन नहीं पाई।
कांग्रेस व पीके में इन वजहों से नहीं बनीं बात
प्रियंका गांधी ने एनडीटीवी को दिए साक्षात्कार में कहा कि कांग्रेस और प्रशांत किशोर के बीच कई कारणों से पार्टनरशिप शुरू हो नहीं पाई। आगे प्रियंका ने कहा कि मुझे लगता है कि कई वजहों से यह संभव नहीं हो पाया था। उन्होंने कहा कि मैं इसके डिटेल में नहीं जाना चाहती हूं। प्रियंका आगे कहती हैं कि कई ऐसे मामले थे, जिनपर सहमति नहीं बन पाई इसीलिए चर्चा भी आगे नहीं बढ़ पाई। प्रियंका ने ये भी साफ कर दिया कि कांग्रेस में किसी बाहरी की एंट्री को लेकर कोई विवाद नहीं था।
कांग्रेस नेतृत्व पर प्रशांत किशोर ने उठाए थे सवाल
गौरतलब है कि प्रशांत किशोर कई बार कांग्रेस के बड़े नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं। सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी के साथ भी उनकी बैठकें हुई थीं। खबरें आ रही थी कि उनकी कांग्रेस में एंट्री हो गई है, लेकिन किन्हीं वजहों से बात नहीं बन पाई। पीके सार्वजनिक तौर पर कांग्रेस नेतृत्व को लेकर सवाल भी खड़े कर चुके हैं। राहुल गांधी की आलोचना भी की। पीके ने ये भी कहा कि कांग्रेस को नेतृत्व करने के लिए कोई सही आदमी चाहिए क्योंकि पिछले 10 साल में कांग्रेस 90 फीसदी चुनाव हार गई है।
लीडरशिप में बदलाव हो
प्रशांत किशोर ने कहा था कि कांग्रेस साल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष को संगठित करने में बड़ी भूमिका निभा सकती है लेकिन इसके लिए नेतृत्व में बदलाव की जरूरत है। रणनीतिकार प्रशांत किशोर कांग्रेस पार्टी के लगातार खराब प्रदर्शन को लेकर कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल खड़ा कर रहे हैं और नेतृत्व बदलने की सलाह दे रहे हैं।
गौरतलब है कि साल 2017 में प्रशांत किशोर ने सपा और गठबंधन के लिए काम किया था लेकिन फिर भी असफलता हाथ लगी थी। बीजेपी ने अप्रत्याशित जीत हासिल की थी। हालांकि बाद में प्रशांत किशोर की रणनीति पंजाब में कारगर हुई और कांग्रेस ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी।
Created On :   22 Jan 2022 4:15 PM IST