MP by-election: मध्यप्रदेश में भाजपा की सत्ता पक्की, मिल सकती हैं 14 से 16 सीटें, कांग्रेस को 10 से 13 सीटों की उम्मीद 

Madhya Pradesh by-election: BJP in power in the state, can get 14 to 16 seats
MP by-election: मध्यप्रदेश में भाजपा की सत्ता पक्की, मिल सकती हैं 14 से 16 सीटें, कांग्रेस को 10 से 13 सीटों की उम्मीद 
MP by-election: मध्यप्रदेश में भाजपा की सत्ता पक्की, मिल सकती हैं 14 से 16 सीटें, कांग्रेस को 10 से 13 सीटों की उम्मीद 

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश उपचुनाव के संभावित नतीजे क्या होंगे, इसके लिए भास्कर ने एग्जिट पोल किया। इसके मुताबिक, भाजपा को 14 से 16 सीटें मिलती दिख रही हैं। कांग्रेस को 10 से 13 सीटें मिल सकती हैं। बसपा के खाते में एक सीट जा सकती है। चंबल क्षेत्र में भाजपा पिछड़ती नजर आ रही है। यहां कुल 7 सीटों में कांग्रेस को 4 से 6, जबकि भाजपा को शून्य से 2 सीटें ही मिलने की संभावना है।

ग्वालियर क्षेत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया का गढ़ है, इस पर पूरे प्रदेश की नजरें हैं। यहां बराबरी का मुकाबला नजर आ रहा है। यहां की 9 सीटों में भाजपा-कांग्रेस को 4 से 5 सीटें मिलती दिख रही हैं। मालवा में भाजपा आगे दिख रही है। मध्यप्रदेश का उपचुनाव इसलिए मायने रखता है क्योंकि इससे प्रदेश की सत्ता के समीकरण तय होना है। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रतिष्ठा दांव पर है।

मध्यप्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर तीन नवंबर को हुए उपचुनाव के नतीजे 10 नवंबर को आएंगे। उपचुनाव के ये परिणाम न केवल प्रदेश की भाजपा सरकार के भाग्य का फैसला करेंगे, बल्कि प्रदेश के तीन क्षत्रपों- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के राजनीतिक भविष्य पर भी असर डालेंगे। बता दें कि इस साल मार्च में राज्य में सत्ता के लिए जो राजनीतिक उठापटक हुई थी, उसमें ये तीनों प्रभावशाली नेता शामिल थे।

इस उठापटक में कमलनाथ के नेतृत्व वाली 15 महीने पुरानी कांग्रेस नीत सरकार गिराने में सिंधिया की अहम भूमिका रही थी। सिंधिया के मार्च में कांग्रेस छोड़ भाजपा में आने के बाद उनके समर्थन वाले कांग्रेस के 22 विधायक भी भाजपा में शामिल हो गए थे। इससे कमलनाथ की तत्कालीन सरकार अल्पमत में आ गई थी, जिसके कारण कमलनाथ ने 20 मार्च को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और इसके बाद चौहान के नेतृत्व में 23 मार्च को फिर भाजपा की सरकार बनी।

राजनीतक विशेषज्ञों का कहना है कि अगर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा उपचुनाव वाली इन 28 सीटों में से 15 से अधिक पर जीत दर्ज कर लेती है तो पार्टी में उनका कद और भी बढ़ जाएगा। चौहान अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से आते हैं और प्रदेश में इस वर्ग की जनसंख्या 50 फीसदी से अधिक है। विश्लेषकों के अनुसार मार्च में भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने चौहान को चौथी बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री का दायित्व दिया था, क्योंकि जनता में उनकी छवि अच्छी है। 

Created On :   7 Nov 2020 11:59 PM IST

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