नया वक्फ कानून: केंद्र सरकार ने नए वक्फ कानून को लेकर देश की सर्वोच्च अदालत में कैविएट दायर की

- कैविएट याचिका 90 दिनों के लिए वैध रहती है
- वक्फ विरोध में लगी याचिकाओं पर सुनवाई से पहले केंद्र ने कैविएट दायर की
- कानूनी कार्यवाही शुरू होने से पहले सूचना देने की प्रोसेस
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने नए वक्फ कानून को लेकर देश की सर्वोच्च अदालत में कैविएट दायर की है। आपको बता दें केंद्र सरकार ने कैविएट ऐसे समय में दायर की है, जब टॉप कोर्ट में हाल ही बने नए वक्फ कानून के विरोध में उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है। इन्हीं याचिकाओं पर सुनवाई से पहले केंद्र सरकार ने कैविएट दायर की है। कैविएट याचिका 90 दिनों के लिए वैध रहती है।
आपको बता दें कैविएट पिटीशन एक कानूनी प्रक्रिया है, जिससे किसी व्यक्ति को यह सुनिश्चित करने में मदद मिलती है कि उसके खिलाफ कोई कानूनी कार्यवाही शुरू होने से पहले उसे सूचना दी जाए, ताकि वह अपनी बात रख सके और एकपक्षीय आदेश से बच सके।
कैविएट का अर्थ
कैविएट शब्द लैटिन शब्द "कैवेरे" से आया है, जिसका अर्थ है "सावधान रहना" या "चेतावनी देना।
क्यों दायर की जाती है कैविएट याचिका?
यदि किसी व्यक्ति को संदेह है कि उसके खिलाफ कोई कानूनी कार्यवाही शुरू होने वाली है, तो वह कैविएट याचिका दायर कर सकता है। कैविएट याचिका दायर करने से व्यक्ति को कानूनी कार्यवाही की सूचना मिलती है, जिससे वह अपनी तैयारी कर सकता है और एकपक्षीय आदेश से बच सकता है।
कैविएट याचिका का उद्देश्य
कैविएट याचिका का उद्देश्य न्यायालय को सूचित करना है कि कैविएट दायर करने वाले व्यक्ति को भी किसी भी कानूनी कार्यवाही में शामिल होने का अधिकार है और उसे बिना सुने कोई भी आदेश पारित नहीं किया जाना चाहिए।
कैसे दायर की जाती है कैविएट याचिका?
कैविएट याचिका सिविल प्रक्रिया संहिता (CPC) की धारा 148-A के तहत दायर की जाती है।
आपको बता दें सुप्रीम कोर्ट में वक्फ बोर्ड कानून 2025 के विरोध में अब तक 10 याचिकाएं दायर की गई हैं। सभी याचिकाओं में कानून को मुसलमानों की धार्मिक स्वतंत्रता को छीनने वाला बताया है। याचिकाकर्ताओं अपनी अपनी याचिकाओं में इस नए कानून को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की गई है। याचिकाकर्ताओं ने शीर्ष कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग की है। इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने सीजेआई के सामने मेंशन किया है।
आपको बता दें अब तक टॉप कोर्ट में एसोसिएशन फॉर द प्रोटैक्शन ऑफ सिविल राइट्स (APCR), जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी, केरल की शीर्ष मुस्लिम बॉडी समस्थ केरल जमीयतुल उलेमा, एसडीपीआई, तैय्यब खान सलमानी, अंजुम कादरी ,कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद, AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी, आप विधायक अमानतुल्लाह खान और इंडियन मुस्लिम लीग ने पिटीशन दायर की हैं।
Created On :   8 April 2025 6:56 PM IST