जिस सीट से राहुल गांधी ने मोदी उपनाम पर की थी टिप्पणी, उस सीट से अपना आखिरी चुनाव लड़ना चाहते है ये दिग्गज कांग्रेसी, जेडीएस ने भी किया स्वागत
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इस समय समाचार की सुर्खियों में कोलार नाम खूब चर्चा में है। राहुल गांधी की ओर से 2019 लोकसभा में कोलार सीट पर मोदी सरनेम वाला विवादित बयान दिया था। गांधी को इस विवादित बयान में सूरत कोर्ट की ओर से दो साल सी सजा हो चुकी है, हालांकि गांधी को जमानत भी मिल चुकी और सजा को तीस दिन के लिए होल्ड पर रखा है। इसके बाद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता चली गई और उन्हें सरकारी आवास खाली कराने का नोटिस भी आवास समिति की तरफ से थमा दिया गया। इसके बाद बीते कल गांधी ने सूरत कोर्ट में सजा के खिलाफ अपील याचिका दाखिल की। राहुल गांधी के जिस सीट से ये बयान दिया था उसके चलने के साथ साथ ये सीट कांग्रेस के दिग्गज नेता सिद्धारमैया के विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा की मांग के चलते भी सुर्खियों में है।
सुर्खियों में कोलार सीट
कर्नाटक में कोलार सीट एक अहम सीट मानी जाती रही है। 2018 में जनता दल (सेक्युलर) ने यहां से जीत दर्ज की थी। इस बार कोलार विधानसभा सीट के नतीजे किस पार्टी के पक्ष में होंगे, यह तो जनता तय करेगी। लेकिन आपको बता दें 2018 में जनता दल (सेक्युलर) के श्रीनिवास गौड़ा ने इंडियन नेशनल कांग्रेस के उम्मीदवार सैयद ज़मीर पाशा को भारी मतों से मात दी थी। वर्तमान समय में कोलार लोकसभा सीट से एस मुनि स्वामी बीजेपी के सांसद है। लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले कोलार सीट काफी सुर्खियां बटोर रही है। कर्नाटक के पूर्व सीएम और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सिद्धारमैया भी कोलार सीट से विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा पार्टी हाईकमान से जाहिर कर चुके है। हालांकि कांग्रेस की पहली प्रत्याशी सूची में सिद्धारमैया को वरुणा विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया गया है। इसके बाद भी सिद्धरमैया कोलार सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं। सिद्धारमैया ने कोलार और वरुणा दोनों विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा हाईकमान के सामने रखी है। और इस पर अंतिम फैसला भी पार्टी आलाकमान को करना है।
कोलार कांग्रेस का गढ़ नहीं
कोलार सीट से 2018 में जेडीएस के श्रीनिवास गौड़ा, 2008 और 2013 में निर्दलीय विधायक आर वर्थुर प्रकार ने जीत दर्ज की थी। तीनों ही चुनाव के नतीजे देखकर ये आसानी से कहा जा सकता है कि कोलार विधानसभा सीट कांग्रेस का गढ़ नहीं है। कोलार सीट के बनने के बाद से अब तक हुए 14 विधानसभा चुनावों में से कांग्रेस को केवल 5 बार इस सीट पर जीत मिली है।1983 के बाद कांग्रेस कोलार विधानसभा सीट पर केवल दो बार (1989 और 2004) चुनाव जीती है। बीते 30 सालों में कोलार सीट पर कांग्रेस ने केवल 2004 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को मात दी थी। इस जीत में चौंकाने वाली बात ये है कि उस समय कांग्रेस के उम्मीदवार वही के श्रीनिवास गौड़ा थे, जो आज जेडीएस के विधायक है। कोलार विधायक गौड़ा ने पहली बार 1994 में इस सीट से जेडीएस के टिकट पर चुनाव जीता था। अब विधायक गौड़ा ने कहा है कि वो कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 लड़ेंगे और संभवत: कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। अगर कोलार सीट पर कांग्रेस की ओर से किसी बड़े उम्मीदवार को खड़ा किया जाता है तो इसका फायदा पार्टी को चुनाव में मिल सकता है। वैसे आपको बता दें ये सीट जेडीएस के खाते में ही जाती रही है। लेकिन विधायक के श्रीनिवास गौड़ा ने ये सीट सिद्धारमैया को ऑफर की है और चुनाव लड़ने से मना कर दिया है, हालांकि सिद्धारमैया भी एलान कर चुके हैं कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 उनका आखिरी चुनाव है तो संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है कि वरुणा के साथ कोलार सीट पर भी सिद्धारमैया कांग्रेस के प्रत्याशी के तौर पर नजर आ सकते हैं।
Created On :   4 April 2023 6:14 PM IST