आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर बीजेपी कांग्रेस में दौरों, बैठकों और मुलाकातों का दौर शुरू, मिथक तोड़ने में जुटे गहलोत

आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर बीजेपी कांग्रेस में दौरों, बैठकों और मुलाकातों का दौर शुरू, मिथक तोड़ने में जुटे गहलोत
राजस्थान आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर बीजेपी कांग्रेस में दौरों, बैठकों और मुलाकातों का दौर शुरू, मिथक तोड़ने में जुटे गहलोत
हाईलाइट
  • कांग्रेस वर्किंग कमेटी पर सोनिया के फैसले का इंतजार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राजस्थान में अगले साल विधानसभा चुनाव होने है इसी सिलसिले में हर दल जीतना चाहता है, बीजेपी और कांग्रेस अपनी पूरी ताकत इन्हीं चुनावों में झोंक रही है।  दोनों दलों के नेता बार दिल्ली का दौरा कर रहे है। बीजेपी में एक तरफ उठापटक सिलसिला चल रहा है तो राज्य में चिंतित कांग्रेस इस उठापटक से बची नहीं है।

गहलोत की  दिल्ली यात्रा से यह भी तय होगा कि 14 से 16 मई के बीच होने वाली कांग्रेस की वर्किंग कमेटी की  बैठक कहां  होगी। मिली जानकारी के मुताबिक इसके लिए अभी जयपुर और उदयपुर नाम पर फोकस किया जा रहा है।  इस पर अंतिम निर्णय पार्टी कार्यवाहक अध्यक्ष सोनिया गांधी लेगी।  

अभी तक कांग्रेस बीजेपी की पांच पांच साल सरकार बनने का मिथक था, इसे तोड़ने के लिए राजस्थान के सीएम गहलोत बार दिल्ली की भागदौड़ कर रहे है। बीजेपी के नेता एक साथ चलने के मंत्र पर फोकस कर रहे है, तो कांग्रेस के नेता बराबार हिस्सेदारी और भागीदारी को लेकर। सीएम गहलोत का मानना है कि राज्य सरकार की योजना से सूबे में कोई विरोधी स्वर नहीं उठ रहा, और  उनके अब तक कार्यकाल के सालों में कोई सियासी विरोधी बयानों की लहर नहीं उपज पाई है। और इसी योजना के सहारे गहलोत पांच पांच साल के मिथक को तोड़ते हुए दोबारा सियासी गद्दी हथियाना चाहते है,गहलोत इस दावे के साथ पार्टी आलाकमान में मुलाकात और बैठक कर रहे है। 

अगले दो तीन माह बाद होने वाले राज्यसभा उपचुनाव के लिए नाम पर भी चर्चा हो सकती है। जिन चार सीटों पर इलेक्शन होना है उनमें से तीन पर कांग्रेस की जीत तय मानी जा रही है, कयास लगाए जा रहे है कि  इन पर पार्टी किसी कद्दावर नेता को राज्यसभा चुनाव में पहुंचा सकती है। 

ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करना गहलोत का सबसे बड़ा स्ट्रोक है।  जिससे सूबे के सरकारी कर्मचारी बेहद खुश हैं। इस स्कीम के जरिए गहलोत अपनी सरकार का सरकारी कर्मचारियों के बीच एक सकारात्मक माहौल बनाने में कामयाब तो हुए है लेकिन देखना ये होगा कि गहलोत का ये मंत्र कितना सक्सेस होगा।

Created On :   20 April 2022 4:53 PM IST

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