विजयन की पसंदीदा के-रेल परियोजना के खिलाफ कांग्रेस ने प्रदर्शन तेज किया
डिजिटल डेस्क, तिरुवनंतपुरम। केरल में कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री पिनरई विजयन के ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में प्रस्तावित 60,000 करोड़ रुपये से अधिक की सिल्वर लाइन के-रेल परियोजना के खिलाफ अपना विरोध तेज करने का फैसला किया है। केरल के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके कांग्रेस नेता ओमन चांडी ने विजयन से विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) सार्वजनिक करने को कहा है। अगर प्रोजेक्ट पूरा हो जाता है, तो यह तिरुवनंतपुरम से कासरगोड को जोड़ने वाला 529.45 किलोमीटर का कॉरिडोर स्थापित करेगा और यह दूरी चार घंटे में पूरी हो जाएगी।
चांडी ने कहा, डीपीआर की गुणवत्ता पर उसी व्यक्ति - आलोक कुमार वर्मा ने सवाल उठाया है, जिन्होंने इसे तैयार किया था और जो परेशान करने वाली बात यह है कि इसी डीपीआर के आधार पर विजयन आगे बढ़ने के लिए दृढ़ हैं, भले ही लोग इसके खिलाफ हैं। विजयन अब उन लोगों के खिलाफ बल प्रयोग कर रहे हैं, जो इसका विरोध कर रहे हैं। चांडी ने कहा कि अटकलें हैं कि यह प्रारंभिक डीपीआर डीएमआरसी द्वारा पहले से तैयार बुलेट ट्रेन के प्रस्ताव का सिर्फ एक नकल है।
चांडी ने पूछा, आश्चर्य की बात यह है कि के-रेल परियोजना मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना की तुलना में अधिक महंगी होने जा रही है। कोई यह समझ नहीं पा रहा है कि विजयन इसके साथ आगे बढ़ने के लिए इतना दृढ़ क्यों हैं और सभी जानना चाहते हैं कि वह किसकी सेवा कर रहे हैं। विजयन पर हमला करते हुए नेता प्रतिपक्ष वी.डी. सतीसन ने कहा कि जिस एजेंसी ने लिडार का उपयोग करके प्रारंभिक सर्वेक्षण किया था। उसने खुद ही संदेह व्यक्त किया है और यही विपक्ष ने विधानसभा के पटल पर उठाया था।
उन्होंने कहा, अपेक्षित परियोजना की लागत अब एक लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया जा रहा है, जबकि नीति आयोग का कहना है कि इसकी लागत 1.24 लाख करोड़ रुपये हो सकती है और ये सभी 2018 के आंकड़ों के अनुसार आधारित हैं और इसलिए यदि परियोजना पूरी हो जाती है, तो इसकी लागत 2 लाख करोड़ रुपये हो सकती है और सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि यह परियोजना एक उचित अध्ययन रिपोर्ट के बिना भी आगे बढ़ रही है और इससे भी अधिक आश्चर्य की बात यह है कि इस परियोजना ने पर्यावरण मूल्यांकन अध्ययन, सामाजिक प्रभाव अध्ययन भी नहीं किया है, ना ही इसे केंद्र की मंजूरी मिली है। इसलिए कांग्रेस नेतृत्व वाली यूडीएफ 18 दिसंबर को इस परियोजना के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन कर रही है।
विजयन ने इस परियोजना पर हमारे द्वारा उठाए गए एक भी प्रश्न का उत्तर नहीं दिया है। सभी जानते हैं कि 16 वर्षो तक विजयन ने पार्टी का नेतृत्व किया और सभी विकास परियोजनाओं को रोक दिया और अब वह उद्धारकर्ता होने का दावा करते हैं। आज वह प्रधानमंत्री मोदी की तरह व्यवहार कर रहे हैं, जो उठाए गए सवालों के जवाब भी नहीं देते हैं। अगर वह हमारे द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों पर सफाई देते हैं, तो हम सहयोग करेंगे। परियोजना का कड़ा विरोध ऐसे समय में हो रहा है, जब विजयन ने मोदी को पत्र लिखकर परियोजना को मंजूरी देने के लिए व्यक्तिगत हस्तक्षेप की मांग की है। इस बीच मेट्रोमैन ई.श्रीधरन ने के-रेल परियोजना को मूर्खतापूर्ण प्रस्ताव करार दिया है।
(आईएएनएस)
Created On :   14 Dec 2021 10:00 PM IST