वक्फ बोर्ड संशोधन बिल: एनडीए में खटपट, जेडीयू -टीडीपी का रुख वोट होने तक अस्पष्ट

- इस्लाम में एक कहानी से जुड़ा है वक्फ
- मोहम्मद गोरी से मानी जा सकती है शुरुआत
- वक्फ इस्लामी परंपरा का हिस्सा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र की एनडीए सरकार भारी विरोध के बीच आज वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को निम्न सदन में पेश करेंगी। बिल 2 अप्रैल मंगलवार को पेश किया जाएगा। आपको बता दें संसदीय कार्य एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री किरेन रिजिजू ने 8 अगस्त 2024 को ये बिल लोकसभा में पेश किया था, जिसे विपक्ष के हंगामे के बाद संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेज दिया गया था।
बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल की अगुवाई वाली जेपीसी संसदीय समिति में कुल 44 संशोधन पेश किए गए, जिसमें करीब 14 संशोधन स्वीकार हुए। संशोधित बिल को कैबिनेट ने पहले ही मंजूरी दे दी है। एनडीए में शामिल जेडीयू और टीडीपी का रूख अभी तक साफ तौर पर स्पष्ट नहीं हो पाया है। आखिरी समय पर दोनों दल क्या फैसले लेते है, यहीं अहम होगा।
क्या है वक्फ?
वक्फ अरबी भाषा का शब्द है, जिसकी उत्पत्ति 'वकुफा' शब्द से हुई है। वकुफा का अर्थ होता है ठहरना, रोकना। वक्फ जिसका अर्थ होता है संरक्षित करना। जनकल्याण के मकसद से दान होना चाहिए।
इस्लाम में वक्फ का अर्थ संपत्ति से है, जो जन-कल्याण के लिए हो। यह एक तरीके का 'दान' जैसा ही होता है और इसका दानदाता चल या अचल संपत्ति दान कर सकता है।
Created On :   2 April 2025 10:18 AM IST