अंबेडकर मूर्ती विवाद: लखनऊ में भीमराव की प्रतिमा को हटाने वाले मामले पर मचा बवाल, अखिलेश यादव ने भी प्रशासन पर साधा निशाना

- लखनऊ में भीमराव अंबेडक की मूर्ती पर हो रहा बवाल
- सपा सांसद अखिलेश यादव ने साधा प्रशासन पर निशाना
- प्रशासन ने अवैध मानते हुए मूर्ती हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जयंती से पहले ही उनकी मूर्ती को हटाए जाने के मामले ने प्रदेश की सियासत गर्मा गई है। लखनऊ के महिंगवा थाना क्षेत्र के खंतरी गांव में संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ती हटाए जाने को लेकर समाजवादी पार्टी के चीफ और उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया दी है।
अखिलेश यादव ने क्या कहा?
अखिलेश यादव ने शासन और प्रशासन पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा गया है कि, 'लखनऊ में बाबासाहेब की मूर्ति को हटाने का जो दुस्साहस प्रशासन कर रहा है, उसके पीछे शासन का जो दबाव है, उसे पीडीए समाज अच्छी तरह समझ रहा है। किसी के जातीय वर्चस्व का अंहकार कभी गोरखपुर में मूर्ति-चबूतरा हटाने का काम करवाता है, तो कभी लखनऊ में अपने राजनीतिक प्रभुत्व के दंभ को साबित करने के लिए महापुरुषों की मूर्ति हटाने का कुकृत्य करवाता है। जनाकांक्षा की अवहेलना जनाक्रोश को जन्म देती है। पीडीए कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!'
क्या है मूर्ती का बवाल?
बता दें, राजधानी लखनऊ के महिंगवा थाना क्षेत्र के खंतरी गांव में संविधान के निर्माता डॉ. अंबेडकर की मूर्ति को प्रशासन ने अवैध मानते हुए हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इसका गांव के लोगों ने जमकर विरोध किया है। इसके कुछ समय बाद ही स्थिति चिंताजनक होने लगी और ग्रामीणों की भीड़ ने पुलिस टीम पर पथराव किया था। इस प्रदर्शन में कई सारे पुलिसकर्मी भी तैनात थे। हालात बिगड़ते देखकर पुलिस ने भी लाठियां चलानी शुरू कर दी थीं। ग्रामीणों का कहना था कि, ये मूर्ति हमारी आस्था से जुड़ी है और पुलिस जबरदस्ती इसको हटवा रही है।
Created On :   13 April 2025 5:24 PM IST