कर्नाटक: जाति जनगणना आयोग ने सिद्दारमैया सरकार को ओबीसी आरक्षण बढ़ाने का दिया सुझाव

- आर्थिक सर्वेक्षण के बाद राज्य सरकार को सिफारिश
- 17 अप्रैल को विशेष चर्चा में विचार
- सामाजिक-आर्थिक और शिक्षा सर्वेक्षण की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक में सिद्दारमैया सरकार को जाति जनगणना आयोग ने ओबीसी आरक्षण को लेकर बड़ा सुझाव दिया है। आयोग ने सामाजिक-आर्थिक और शिक्षा सर्वेक्षण का हवाला देकर सरकार से ओबीसी को शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण 32% से बढ़ाकर 51% करने की सिफारिश की है। आयोग की सिफारिश पर अगर कर्नाटक में ये लागू होता है, तो वहा आरक्षण 85 फीसदी हो जाएगा।
कर्नाटक के कानून और संसदीय मामलों के मंत्री एचके पाटिल ने कहा कि यह निर्णय किया गया है कि 17 अप्रैल को एक विशेष कैबिनेट बैठक में जाति जनगणना पर चर्चा की जाएगी।
आपको बता दें अभी कर्नाटक में ओबीसी को 32 फीसदी आरक्षण मिल रहा है, प्रदेश में 10% आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग यानी ईडब्लूयूएस को, जबकि 24% आरक्षण अनुसूचित जाति/जनजाति (एससी/एसटी) को मिल रहा है। इसके साथ ही, महिलाओं, दिव्यांगों जैसे समूहों को मिलने वाला क्षैतिज आरक्षण भी लागू रहेगा।
आपको बता दें सामाजिक-आर्थिक और शिक्षा सर्वेक्षण रिपोर्ट बीते दिन शुक्रवार को कर्नाटक कैबिनेट के समक्ष पेश की गई। रिपोर्ट को जाति गणना नाम दिया गया है। रिपोर्ट में मिलने वाले सुझाव के बाद मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि कुछ मंत्रियों ने कहा कि वे पहले सिफारिशों पर विचार करना चाहते हैं। इस कारण 17 अप्रैल को कैबिनेट की बैठक आयोजित होगी। जिसमें सभी मंत्रियों से चर्चा होगी।
आयोग ने यह सिफारिश हाल ही में कराए गए सामाजिक-आर्थिक और शिक्षा सर्वेक्षण जिसे जाति जनगणना भी कहा जा रहा है, के आधार पर की है। इस सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक में ओबीसी की आबादी करीब 70% है। आयोग के पैनल में शामिल सदस्यों का मानना है कि अगर इतनी बड़ी आबादी को उनकी संख्या के हिसाब से सरकारी सुविधाएं और आरक्षण नहीं दिया गया, तो समानता नहीं हो पाएगी। राज्य में जनसंख्या के अनुपात में ओबीसी आरक्षण नहीं दिया जा रहा है। साथ ही सरकारी लाभों और संसाधनों का समान वितरण नहीं हो सकेगा।
Created On :   13 April 2025 9:12 AM IST