Poonch Terrorist Attack: पुंछ में आतंकवादियों ने अमेरिकी हथियार का किया इस्तेमाल, हाथों में एम4 लिए तस्वीरें आई सामने, जानें कितना खतरनाक है यह कार्बाइन असाल्ट राइफल

पुंछ में आतंकवादियों ने अमेरिकी हथियार का किया इस्तेमाल, हाथों में एम4 लिए तस्वीरें आई सामने, जानें कितना खतरनाक है यह कार्बाइन असाल्ट राइफल
पुंछ में आतंकवादियों ने अमेरिकी हथियार एम4 का किया इस्तेमाल

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में मंगलवार को जवानों को ले जा रहे सेना के वाहन पर आतंकवादियों ने गोलीबारी की। जिसके चलते पांच भारतीय जवान शहीद हो गए। इस बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। जिसके मुताबिक, पुंछ में आतंकवादियों ने अमेरिकी हथियार का इस्तेमाल किया। इस बात की पुष्टि आतंकियों ने सोशल मीडिया साइट पर तस्वीरों के जरिए की है। इन तस्वीरों में आतंकी अपने हाथों में अमेरिका में बनी एम4 राइफल इस्तेमाल करते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस राइफल का पूरा नाम एम4 कार्बाइन असाल्ट राइफल है।

बता दें कि, इस हमले की जिम्मेदारी पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट(PAFF) ने ली है। यह एक उग्रवादी संगठन है जो जम्मू-कश्मीर में सक्रिय रूप से विद्रोह करता रहता है। इसी साल 7 जनवरी को देश की गृह मंत्रालय की ओर से इस सगंठन को एक आतंकवादी समूह के रूप में घोषित किया गया था। मंंगलवार को आतंकवादी पहले से ही सेना की वाहन पर गोलीबारी करने के लिए घात लगाए बैठे थे और मौका पाते ही सभी ने सेना के दो वाहनों पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी।

M4 राइफल की खासियत

एम4 राइफल की खास बात यह है कि यह अन्य राइफल के मुकाबले में बहुत ही हल्का होता है। जिसे आसानी से कैरी किया जा सकता है। साथ ही, यह राइफल गैस से संचालित किया जाता है। इस राइफल का प्रयोग अमेरिकी सशस्त्र बलों द्वारा किया जाता है। इस राइफल को नजदीकी लड़ाई के लिए भी डिजाइन किया गया है। इसके अलावा युद्ध की स्थिति में यह राइफल सटीक निशाना लागने के लिए उपयुक्त माना जाता है। M4 राइफल की गोलियां वाहनों में लगे ग्लास को आसानी से आर-पार कर देती है। वहीं, बुलेटप्रूफ वाहनों पर भी इस राइफल के जरिए लगातार फायरिंग की जाए तो यह उसे भी आर-पार कर देगी।

हालांकि, यह पहला ऐसा मौका नहीं जब कश्मीर घाटी में आतंकवादियों ने M4 राइफल को इस्तेमाल में लाया हो। इससे पहले भी साल 2016 में भारतीय सुरक्षा बलों ने जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों से बड़ी मात्रा M4 राइफल को बरामद किया गया था।

PAFF का होगा जल्द सफाया

साल 2019 में जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद से ही घाटी में PAFF उग्रवादी संगठन एक्टिव हैं। PAFF जैश-ए-मोहम्मद के लिए एक नए मोर्चे के तौर पर देखा जा रहा है। हाल ही महीने में जम्मू-कश्मीर में हुए हर बड़े आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी PAFF ली है। हालांकि, अभी भारतीय जवान जम्मू कश्मीर में पूरी सख्ती के साथ PAFF को टक्कर दे रहे हैं। भारतीय सुरक्षा बलों की ओर से पुंछ और राजौरी में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। साथ ही, इन इलाकों में सेना का तालाशी अभियान जारी है।

Created On :   22 Dec 2023 4:33 PM IST

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