'डराने-धमकाने के चलते बयान से पलटी नाबालिग महिला पहलवान', साक्षी मलिक ने किया बड़ा दावा

डराने-धमकाने के चलते बयान से पलटी नाबालिग महिला पहलवान, साक्षी मलिक ने किया बड़ा दावा
  • अगर हम मेडल बहाते तो हिंसा हो सकती थी
  • बीजेपी नेताओं ने दिलाई धरने की इजाजत

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती संघ के निवर्तमान अध्यक्ष और पहलवानों के बीच चल रहे विवाद में नया मोड़ आया है। आंदोलन का नेतृत्व करने वाले पहलवानों में से एक पहलवान साक्षी मलिक ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि, 'हमें धरना देने के लिए बीजेपी के दो नेता बबीता फोगाट और तीर्थ राणा ने कहा था। इन दोनों ने हमसे कहा था कि बृजभूषण के खिलाफ अपनी आवाज उठाओ। साक्षी ने बताया कि, जंतर-मंतर पर धरने की परमिशन भी इन्हीं दोनों नेताओं ने हमें दिलाई थी।' इस दौरान साक्षी ने वो परमिशन लेटर भी दिखाया, जिसमें उन्हें धरना देने की इजाजत मिली थी।

साक्षी का ये दावा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल ही में बीजेपी ने आरोप लगाया था कि पहलवानों के धरने देने के पीछे कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा हैं। उन्हीं के कहने पर पहलवान धरना दे रहे हैं। वहीं बबीता फोगाट भी इस धरने को राजनीति से प्रेरित बता चुकी हैं।

दरअसल, साक्षी मलिक और उनके पति सत्यव्रत ने आज सोशल मीडिया पर अपना एक वीडियो पोस्ट किया। जिसमें उन्होंने कई दावे किए। इस वीडियो में दोनों ने आंदोलन से जुड़े सवालों के जवाब दिए।

डराने-धमकाने के चलते नाबालिग पहलवान ने बदला बयान

साक्षी मलिक ने बीजेपी सांसद बृजभूषण पर हमला करते हुए कहा कि, 'नाबालिग महिला ने अपना बयान इसलिए बदला क्योंकि उसे और उसके परिवार को डराया और धमकाया गया था। उन्होंने बताया कि, नाबालिग पहलवान ने पुलिस और कोर्ट के सामने बयान दिया था लेकिन, उसके बाद उसके परिवार को डराया धमकाया गया जिसके बाद उसने अपना बयान वापस ले लिया।'

मेडल बहाने के फैसले पर कही ये बात

मेडल बहाने वाले मुद्दे पर साक्षी ने कहा कि, 'हम लोगों ने जब अपने मेडल हरिद्वार में बहाने की घोषणा की तो ऐसा माहौल बना दिया कि अगर हम ऐसा करते तो हिंसा हो सकती थी।' उन्होंने बताया कि, 'जब हम हरिद्वार में मेडल बहाने गए थे, तो वहां तंत्र से जुड़ा एक व्यक्ति बजरंग पूनिया के पास आया और साइड में ले गया। उसने बजरंग से कहा कि तुम्हारे मुद्दे पर ऊपर बात चल रही है। मेडल विसर्जित मत करो। 7 बजे तक बजरंग को रोके रखा। इसके बाद वहां भीड़ जुट गई और ऐसा माहौल बना कि मेडल बहाने जाते तो वहां हिंसा भड़क सकती थी। इसलिए हमने अपना फैसला बदला।'

मेडल बहाने का फैसला लेने पर सत्यव्रत ने बताया कि '28 मई को जो महिला महापंचायत हुई थी, उसमें संसद भवन कूच करने का जो फैसला लिया गया था वो खाप पंचायत ने लिया था। हमें उनके इस फैसले के बाद पता चला था कि नई संसद का उद्घाटन होने वाला है। लेकिन हमने अपने बड़े-बुजुर्गों का सम्मान करते हुए संसद भवन कूच किया। लेकिन उस दिन पुलिस ने हमारे साथ जो व्यवहार किया, उसने हमें अंदर से तोड़ दिया था। हमने देश का मान बढ़ाया, लेकिन हमें सड़कों पर रौंद गया। इससे हम बहुत दुखी हो गए थे। इसके बाद हमने अपने मेडलों को गंगाजी में विसर्जित करने का फैसला लिया था।'

बताई चुप्पी साधने की वजह

अपने वीडियो में साक्षी मलिक ने कहा, 'हम पर आरोप लगाया गया था कि अभी तक हम इस मामले में चुप क्यों थे। इसके पीछे के कई कारण हैं। पहला कारण तो यह है कि हम में एकता की कमी थी। दूसरा उन्होंने कहा कि कुश्ती में आने वाले कई पहलवान गरीब परिवार से आते हैं। उनमें यह हिम्मत नहीं होती कि वो किसी रसूखदार के खिलाफ आवाज उठा सकें।'

खापों की नाराजगी पर कही ये बात

पहलवानों की विरोध प्रदर्शन से कुछ खापें नाराज हैं। इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'हमें भी ये सुनने में आ रहा है कि कई खापें हमसे नाराज हैं। मेरा उन सभी से अनुरोध है कि हमसे जो भी गलतियां हुई हैं उसके लिए हमें माफ करें। संयुक्त किसान मोर्चा, भाई चंद्रशेखर रावण, सत्यपाल मलिक, महिला संगठनों, छात्र संगठनों का दिल से धन्यवाद। तीरथ राणा और बबिता फोगाट का भी धन्यवाद, जिन्होंने पहलवानों को आवाज उठाने के लिए प्रेरित किया और सरकार से बात कराई।'

Created On :   17 Jun 2023 3:37 PM GMT

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