तहव्वुर राणा प्रत्यर्पण: पैरों और कमर से पूरी तरह जंजीर से जकड़ा हुआ तहव्वुर राणा को लाया गया भारत, सामने आई प्रत्यर्पण की तस्वीर

पैरों और कमर से पूरी तरह जंजीर से जकड़ा हुआ तहव्वुर राणा को लाया गया भारत, सामने आई प्रत्यर्पण की तस्वीर
  • अमेरिका से भारत लाया गया मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा
  • पैरों बेड़ियां और कमर में बंधी थी चेन
  • प्रत्यर्पण की तस्वीर आई सामने

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 26/11 मुंबई हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित करके भारत ले आया गया है। उसको गुरुवार को लाया गया था लेकिन उसकी तस्वीरें आज (शुक्रवार) को शेयर सामने आई है। प्रत्यर्पण की तस्वीर में देखा जा सकता है कि तहव्वुर के पैरों में बेड़ियां हैं, कमर में जंजीर बंधी हुई है। साथ ही अमेरिका के मार्शल प्रत्यर्पण की फॉर्मेलिटीज को पूरा करते हुए दिख रहे हैं। साथ ही एआईए के ऑफिसर्स भी साथ में थे। जो तस्वीर शेयर हुई है वो सिर्फ आतंकवादी का प्रत्यर्पण नहीं बल्कि वो लंबी कानूनी लड़ाई है जो कई सालों से जारी है। अमेरिका ने बुधवार को ही भारी सुरक्षा के साथ राणा को भारत भेजा है।

कई समय से हो रही थी प्रत्यर्पण की मांग

भारत में कई समय से राणा के प्रत्यर्पण की मांग की जा रही थी। राणा ने अपने आपको रोकने के लिए हर एक कोशिश की है। अमेरिका की हर अदालत में गया था, साथ ही सुप्रीम कोर्ट तक से उसको राहत नहीं मिली थी। अमेरिका में 9 अप्रैल से अमेरिका के मार्शल ने लॉस एंजेलिस एयरपोर्ट पर ही उसको भारत के हवाले किया है।

राणा पर कितने मुकदमों का सामना करना होगा?

तहव्वुर राणा पर मुंबई हमले को लेकर आरोप शामिल है ही, जिसमें 160 से भी ज्यादा लोग मारे गए थे। इसमें से 6 अमेरिका के नागरिक भी शामिल हुए थे। राणा को कई सारे आपराधिक मामलों में मुकदमे का सामना करना होगा। तहव्वुर राणा पाकिस्तान मूल का कनाडाई नागरिक पर हत्या के साथ-साथ आतंकवादी एक्टिविटीज और फर्जी पेपर्स तैयार करने के कई गंभीर आरोप लगे हैं। भारत ने भी आरोप लगाया गया है कि राणा को बजपन के दोस्त और अमेरिका के नागरिक डेविड कोलमेन हेडली की मदद की थी, जिस वजह से ही वो मुंबई जाकर रेकी करना संभव हुआ था।

हेडली ने पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों से प्रशिक्षण भी लिया था और भारत में हमलों की योजना बना रहा था। राणा ने कोलमेन हेडली को अपने इमिग्रेशन बिजनेस के मुंबई ऑफिस का मैनेजर बनाया था। साथ ही राणा ने हेडली की वीजा आवेदन और झूठे डॉक्यूमेंट्स बनाने में मदद की थी।

कोई पछतावा नहीं है हमले का

भारत सरकार की तरफ से कहा गया है कि राणा को हमले का कोई भी पछतावा नहीं है। उसने हेडली से कहा है कि, 'भारतीयों को ये ही मिलना चाहिए था।' साथ ही मारे गए 9 आतंकवादियों को पाकिस्तान का सबसे बड़ा वीरता पुरष्कार 'निशान-ए-हैदर' देने की भी बात कही है।

Created On :   11 April 2025 12:44 PM IST

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